Published: 12th Feb 2025
क्या आप सोच रहे हैं कि एंजेल वन का नया निफ़्टी टोटल मार्केट इंडेक्स और ETF NFO आपके निवेश के लिए सही है? निवेश करने से पहले इसकी ख़ूबियों और नफ़्टी 500 से तुलना जानना ज़रूरी है. आइए, इस NFO की ख़ासियत को समझते हैं.
एंजेल वन ने निफ़्टी टोटल मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करने वाला एक नया ETF और म्यूचुअल फ़ंड लॉन्च किया है. यानि, ये आपके पैसों को भारत की 750 सबसे बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करेगा. इसमें निफ़्टी 500 और बाक़ी बड़े स्टॉक्स भी शामिल हैं.
एंजेल वन को SEBI की नई रेग्युलेटरी गाइडलाइंन के बाद ये स्कीम लॉन्च करनी पड़ी है. ब्रोकिंग रेवेन्यू में कमी के बावजूद, इस नए फ़ंड को लेकर एंजेल वन ने बड़ा क़दम उठाया है. जानिए क्यों ये बदलाव कंपनी की स्ट्रैटेजी के लिए बेहद ख़ास है.
एंजेल वन का नया NFO 10 फ़रवरी से खुल चुका है और ये 21 फ़रवरी तक खुला रहेगा. अगर आप इसे मिस नहीं करना चाहते हैं, तो जल्द से जल्द निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. ये एक शानदार मौक़ा हो सकता है, अपने पोर्टफ़ोलियो को और मज़बूत बनाने का.
पैसिव फ़ंड वो फ़ंड है, जो मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. एंजेल वन का नया ETF और इंडेक्स फ़ंड भी पैसिव हैं, यानि, ये निफ़्टी टोटल मार्केट इंडेक्स की नक़ल करेंगे. ये फ़ंड किसी भी ऐक्टिव निवेश निर्णय के बिना बस इंडेक्स को फ़ॉलो करेंगे.
ये फ़ंड निफ़्टी टोटल मार्केट इंडेक्स के बेंचमार्क फ़ॉलो करते हुए निवेश करेगा. मेहुल दामा और केवल शाह जैसे अनुभवी फ़ंड मैनेजर इसे मैनेज करेंगे. साथ ही, अगर आप एक साल के अंदर फ़ंड बेचते हैं, तो कैपिटल गेन पर 20% टैक्स लगेगा.
निफ़्टी टोटल मार्केट इंडेक्स भारत के टॉप 750 स्टॉक्स को कवर करता है. इसमें निफ़्टी 500 के साथ-साथ मार्केट कैपिटलाइजे़शन के हिसाब से अगले 250 सबसे बड़े स्टॉक्स शामिल होते हैं. ये इंडेक्स दो बार साल में रीबैलेंस होता है - जनवरी और जुलाई में.
अगर आपको लगता है कि निफ़्टी 500 में ही सब कुछ है, तो टोटल मार्केट इंडेक्स इसमें 250 और बड़े स्टॉक्स जोड़कर आपको और भी डाइवर्सिफ़ाई करता है. हालांकि, इसका फ़ायदा रिटर्न के हिसाब से मामूली हो सकता है. लेकिन फिर भी, ये विकल्प उन निवेशकों के लिए अच्छा हो सकता है जो ज़्यादा बड़े और डाइवर्सिफ़ाइड इंडेक्स में निवेश करना चाहते हैं.
अगर आप पहले से निफ़्टी 500 में निवेश कर रहे हैं, तो शायद आपको कोई नया विकल्प ढूंढने की ज़रूरत नहीं है. इसमें कुछ अतिरिक्त स्टॉक्स तो हैं, लेकिन रिटर्न की बढ़ोतरी मामूली हो सकती है. फिर भी, अगर आप ब्रॉडर और डाइवर्सिफ़ाइड इंडेक्स में दिलचस्पी रखते हैं, तो ये एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
📌 यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है. 📌 निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च करें या फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें. ✔️ सही जानकारी, सही फैसला!