Published on: 21st May 2025
– सब्सक्रिप्शन: 21 मई 2025 से – क्लोज़िंग: 23 मई 2025 तक – IPO में निवेश से पहले जानें कंपनी की पूरी जानकारी
– 1996 में शुरू हुई ऑटोमोटिव कंपोनेंट निर्माता कंपनी – टू-व्हीलर्स के लिए 63% रेवेन्यू – 1000+ प्रोडक्ट्स, जिसमें शीट मेटल, सस्पेंशन सिस्टम्स शामिल हैं – FY24 में 17 फैक्ट्री भारत के 10 शहरों में
– टू-व्हीलर मेटल कंपोनेंट मार्केट में 24% मार्केट शेयर – FY22-FY24 के बीच ROE ~15%, ROCE ~13% – एक्सपोर्ट्स का योगदान 4% तक – मजबूत OEM कस्टमर बेस
– टॉप 10 कस्टमर्स से 64% रेवेन्यू का निर्भरता – OEM के दबाव से प्राइसिंग पावर कम – मजबूत कॉम्पिटिशन ऑटो कंपोनेंट सेक्टर में
– FY22 से FY24 में रेवेन्यू ग्रोथ 18% प्रति साल – नेट प्रॉफिट ग्रोथ 9% प्रति साल – FY24 ROE 14%, ROCE 13%
– प्राइस बैंड ₹85-90 – अनुमानित P/E ~31 गुना – P/B ~1.7 गुना – ऑपरेटिंग अर्निंग्स यील्ड 6% (8% से कम)
– भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मार्केट – बढ़ती डिमांड, कम लागत और हाई माइलेज दोपहिया वाहनों में – इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए संभावनाएं भी
– कस्टमर कंसंट्रेशन – प्राइसिंग दबाव से मार्जिन पर असर – बढ़ती प्रतिस्पर्धा – आर्थिक मंदी और कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव
– कंपनी की स्थिर ग्रोथ और प्रॉफ़िटेबिलिटी – मार्केट शेयर और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ – IPO प्राइस वैल्यूएशन का सावधानी से विश्लेषण
– अपनी जोखिम सहनशीलता देखें – लंबे समय के लिए सोचें – कंपनी के बिज़नेस मॉडल और फाइनेंशियल्स समझें – एक्सपर्ट्स की राय और रिसर्च रिपोर्ट पढ़ें
– ऑटो सेक्टर की बढ़ती मांग का फायदा – मजबूत प्रोडक्ट पोर्टफोलियो – एक्सपोर्ट बढ़ाने की योजना
ये पोस्ट सिर्फ़ जानकारी के लिए है. इसे निवेश सलाह न समझें. किसी भी निवेश के फ़ैसले से पहले एक्सपर्ट से सलाह ज़रूर लें.