Published: 17th Jan 2025
इक्विटी फंड्स स्टॉक्स में निवेश करते हैं. डिबेंचर कंपनियों को लोन देने का तरीका है. दोनों का फोकस अलग है, जानें इनका सही इस्तेमाल.
इक्विटी फंड्स में पैसा स्टॉक मार्केट में लगता है. ये जोखिम भरे होते हैं, पर लंबे समय में बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. मार्केट के उतार-चढ़ाव का ध्यान रखें.
डिबेंचर सुरक्षित विकल्प हैं. यहां आपका पैसा कंपनी को लोन के रूप में दिया जाता है. रिटर्न फिक्स्ड होता है, पर ये इक्विटी से कम हो सकता है.
इक्विटी में हाई रिटर्न की संभावना, पर जोखिम ज्यादा. डिबेंचर में जोखिम कम, पर रिटर्न लिमिटेड. आपकी प्राथमिकता और समयावधि के हिसाब से विकल्प चुनें.
अगर लंबी अवधि का निवेश चाहते हैं, तो इक्विटी सही है. सुरक्षित और शॉर्ट-टर्म के लिए डिबेंचर चुनें. फाइनेंशियल प्लानिंग में इन्हें बैलेंस करें.
इक्विटी फंड्स को SIP के जरिए आसान बनाया जा सकता है. ये लंबे समय तक मार्केट के जोखिम को बैलेंस करते हैं. डिबेंचर में ये सुविधा नहीं है.
इक्विटी फंड्स और डिबेंचर, दोनों के अपने फायदे हैं. अपनी जरूरत, जोखिम सहने की क्षमता और समयावधि को ध्यान में रखकर सही विकल्प चुनें.
यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है. निवेश या वित्तीय फैसले लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें.