Published: 29th Jan 2025
गोल्ड सिर्फ़ गहनों के लिए नहीं, बल्कि यह एक अच्छा निवेश भी है! लेकिन अगर आप गोल्ड फ़ंड या गोल्ड ETF में पैसा लगाते हैं, तो आपको टैक्स भी देना होगा. डरिए मत! हम इसे बहुत आसान भाषा में समझाएंगे.
गोल्ड FoF एक तरह का म्यूचुअल फ़ंड होता है जो आपके पैसे को गोल्ड ETF में लगाता है. इसमें SIP का ऑप्शन होता है यानी आप थोड़ी-थोड़ी रकम से भी शुरुआत कर सकते हैं. मतलब, सोने में निवेश करो लेकिन बिना ज्वेलरी के झंझट के!
– अगर आपने इसे 2 साल से ज़्यादा रखा, तो आपको 12.5% टैक्स (LTCG) देना होगा. – अगर 2 साल के अंदर बेच दिया, तो आपका मुनाफ़ा आपकी इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्सेबल होगा. – मतलब, अगर जल्दी बेचा तो टैक्स ज़्यादा देना पड़ेगा!
गोल्ड ETF शेयर बाजार में लिस्टेड होता है और इसे स्टॉक्स की तरह ख़रीद-बेच सकते हैं. इसे डीमैट अकाउंट में रखना होता है और इसके दाम मार्केट के हिसाब से ऊपर-नीचे होते रहते हैं.
– अगर 1 साल से ज़्यादा रखा, तो 12.5% LTCG टैक्स देना होगा. – अगर 1 साल के अंदर बेच दिया, तो मुनाफ़ा इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्सेबल होगा. – मतलब, अगर गोल्ड ETF ज़्यादा समय तक रखा तो टैक्स कम लगेगा!
– गोल्ड ETF में खर्चा कम होता है, लेकिन इसे ख़रीदने और बेचने के लिए डीमैट अकाउंट चाहिए. – गोल्ड FoF में डीमैट अकाउंट की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन इसका खर्च थोड़ा ज़्यादा होता है. – अगर आप बिना डीमैट अकाउंट के निवेश करना चाहते हैं, तो गोल्ड FoF सही रहेगा. – अगर आप मार्केट में ट्रेडिंग कर सकते हैं, तो गोल्ड ETF बेहतर होगा.
– सोने की कीमतें ऊपर-नीचे हो सकती हैं, इसलिए इसे लॉन्ग-टर्म निवेश के रूप में देखें. – फिज़िकल गोल्ड, गोल्ड FoF और गोल्ड ETF तीनों अलग-अलग होते हैं, इनका फ़ायदा-नुकसान समझकर निवेश करें. – टैक्स और एक्सपेंस रेशियो को ज़रूर ध्यान में रखें.
अगर आपके पास डीमैट अकाउंट है, तो गोल्ड ETF सस्ता और बेहतर ऑप्शन है. अगर आप SIP के ज़रिए निवेश करना चाहते हैं और डीमैट अकाउंट नहीं है, तो गोल्ड FoF आपके लिए सही रहेगा. अब आपको तय करना है कि आपके लिए कौन-सा ऑप्शन सबसे अच्छा है!
निवेश सोच-समझकर करें और गोल्ड को सिर्फ़ चमक-धमक के लिए मत खरीदें, इसे एक स्मार्ट इन्वेस्टमेंट बनाएं!
यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें. 💼