Published: 21st Jan 2025
सोचिए, 10 साल पहले ₹1 लाख की जो वैल्यू थी, आज सिर्फ़ ₹59,500 रह गई है. महंगाई के चलते आपके पैसों की वैल्यू गिर रही है. क्योंकि चीज़ों की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ती रहती हैं, जिससे आपके पैसे की परचेजिंग पावर कम हो जाती है.
महंगाई यानी चीज़ों की क़ीमतें बढ़ती जाती हैं और आपके पैसों की ताक़त कम हो जाती है. जब महंगाई बढ़ती है, तो रोज़मर्रा की जरूरतों जैसे खाना, कपड़े, घर का किराया, और ट्रांसपोर्ट की लागत बढ़ जाती है, जिससे आम आदमी के लिए बचत करना मुश्किल हो जाता है.
– ख़र्च की आदतें: अगर आप हेल्थकेयर, एजुकेशन जैसी ज़रूरी चीज़ों पर ज़्यादा खर्च करते हैं, तो आपकी महंगाई दर अधिक होगी. – रहने की जगह: शहरों में महंगाई ज़्यादा होती है क्योंकि वहां सेवाएं और प्रोडक्ट्स महंगे होते हैं.
अगर आपका पैसा 5% ब्याज़ कमा रहा है और महंगाई 6% है, तो असल में आप पैसे खो रहे हैं. आपकी वास्तविक क्रय शक्ति घट रही है, यानी जितनी वस्तुएं आप आज खरीद सकते हैं, उतनी भविष्य में नहीं खरीद पाएंगे. इसलिए बचत के साथ सही निवेश करना जरूरी हो जाता है.
महंगाई को हराने का सबसे अच्छा तरीका है शेयरों में इन्वेस्ट करना. शेयर बाजार ने सालाना 12-14% तक का रिटर्न दिया है, जो महंगाई दर से अधिक है. इसके अलावा म्यूचुअल फंड और SIP जैसी योजनाएं भी महंगाई को मात देने में मदद कर सकती हैं.
इक्विटी में निवेश महंगाई से आगे रखने में मदद करता है. अगर आपका रिटर्न 12% है और महंगाई 6%, तो असल में 6% फायदा मिलेगा. लंबी अवधि में इक्विटी निवेश न केवल महंगाई को मात देता है बल्कि आपके लिए धन-संपत्ति भी बनाता है.
महंगाई आपकी सेविंग्स को खा सकती है, लेकिन स्मार्ट इन्वेस्टमेंट से इससे बचा जा सकता है. अपनी बचत को सुरक्षित रखने और महंगाई से आगे रहने के लिए इक्विटी और म्यूचुअल फंड में नियमित निवेश करें. भविष्य में वित्तीय सुरक्षा पाने के लिए अभी से सही प्लानिंग शुरू करें.
ये जानकारी सिर्फ़ निवेश की जानकारी के लिए है. निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह ज़रूर लें.