Published: 10th Feb 2025
अगर आपकी इनकम ₹12 लाख से थोड़ा ज़्यादा है, तो आप सोचते होंगे कि आपको ज़्यादा टैक्स देना पड़ेगा, लेकिन Marginal Relief के बारे में जानकर आपकी टैक्स देनदारी कम हो सकती है. जानिए ये राहत कैसे काम करती है.
जब आपकी टैक्सेबल इनकम ₹12 लाख से थोड़ी ज़्यादा हो जाती है, तो आपको पूरी अतिरिक्त इनकम पर टैक्स नहीं देना पड़ता. Marginal Relief का मतलब है कि आपको सिर्फ़ उतने ही पैसों पर टैक्स देना होगा, जितना आपकी आय ₹12 लाख से ज़्यादा है.
2025-26 के केंद्रीय बजट में धारा 87A की छूट ₹60,000 तक बढ़ा दी गई है, जिसका मतलब है कि अगर आपकी टैक्सेबल इनकम ₹12 लाख तक है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. लेकिन अगर आपकी आय ₹12 लाख से थोड़ी ज़्यादा हो जाती है तो?
मान लीजिए आपकी आय ₹12.05 लाख है. बिना Marginal Relief के, आपको पूरी ₹12.05 लाख पर टैक्स देना पड़ेगा, जिससे टैक्स बढ़ जाएगा. लेकिन Marginal Relief से यह सुनिश्चित होता है कि आपको ज़्यादा टैक्स नहीं देना होगा.
Marginal Relief का मकसद उन लोगों की मदद करना है जिनकी आय ₹12 लाख से थोड़ी ज़्यादा है, ताकि वे ज़्यादा टैक्स न चुकाएं. इसे समझने के लिए, एक उदाहरण देखते हैं:
अगर आपकी टैक्सेबल इनकम ₹12.05 लाख है, तो आपका टैक्स बिना Marginal Relief के ₹60,750 होगा. यानी आपको ₹12 लाख से थोड़ा ज़्यादा कमाने पर भी ₹60,750 का टैक्स देना पड़ेगा.
अगर आपकी आय ₹12.05 लाख है और Marginal Relief मिलता है, तो आपको सिर्फ ₹5,000 टैक्स देना पड़ेगा, जबकि बिना राहत के ₹60,750 देना पड़ता. मतलब, आपकी टैक्स देनदारी में ₹55,750 की बचत हो जाती है!
ये राहत ख़ास तौर पर उन लोगों के लिए है जिनकी आय ₹12 लाख से ज़्यादा है. Marginal Relief सुनिश्चित करता है कि आपकी टैक्स देनदारी केवल आपके अतिरिक्त आय पर हो, न कि पूरी इनकम पर. इससे आपको ज़्यादा टैक्स चुकाने से बचाया जाता है.
अगर आपकी सैलरी ₹12 लाख से ज़्यादा है, तो Marginal Relief आपकी मदद कर सकती है ताकि आप ज्यादा टैक्स न दें. अगली बार जब आपकी आय ₹12 लाख से थोड़ी बढ़े, तो समझिए कि यह राहत आपको बचा सकती है. इसे नज़रअंदाज़ मत कीजिए!
📌 यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है. 📌 निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च करें या फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें. ✔️ सही जानकारी, सही फैसला!