क्या 50-30-20 रूल हर किसी के लिए सही है?

Published on: 21st May 2025

म्यूचुअल फ़ंड में नॉमिनी क्लेम कैसे करें? समझिए आसान स्टेप्स और ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स

क्या है नॉमिनी क्लेम? 

जब म्यूचुअल फ़ंड निवेशक का निधन हो जाता है, तो निवेश को क्लेम करने का अधिकार नॉमिनी को मिलता है. यह प्रोसेस आसान नहीं, लेकिन सही जानकारी से आप बिना झंझट के पूरा कर सकते हैं.

स्टेप 1: ट्रांसमिशन रिक्वेस्ट फ़ॉर्म (Form T3)

– AMFI की वेबसाइट से डाउनलोड करें. – सही ढंग से भरें और जमा करें. यह क्लेम शुरू करने के लिए सबसे ज़रूरी डॉक्यूमेंट है.

स्टेप 2: डेथ सर्टिफ़िकेट जमा करें

– मृतक का self-attested और notarized death certificate देना होता है. – अगर नॉमिनी बच्चा है, तो उसका birth certificate भी चाहिए.

स्टेप 3: आइडेंटिटी और बैंक प्रूफ़

– नॉमिनी का PAN कार्ड self-attested कॉपी. – कैंसिल्ड चेक या बैंक स्टेटमेंट (3 महीने पुराना न हो). – KYC पूरी होनी चाहिए या KYC फॉर्म भरना होगा.

स्टेप 4: सिग्नेचर अटेस्टेशन

– ₹5 लाख तक के क्लेम में बैंक मैनेजर का सिग्नेचर अटेस्टेशन पर्याप्त. – ₹5 लाख से ऊपर के क्लेम में नोटरी पब्लिक या JMFC द्वारा अटेस्टेशन ज़रूरी.

स्टेप 5: अतिरिक्त डॉक्यूमेंट्स (अगर ज़रूरी हो)

– मृतक के अन्य identity proofs (PAN, Aadhaar, Passport आदि). – नाबालिग नॉमिनी के लिए गार्जियन के KYC डॉक्यूमेंट.

अगर कई यूनिटधारक हों तो?

– नॉमिनी का दावा तभी होगा जब सभी यूनिटधारकों का निधन हो. – नहीं तो निवेश स्वतः जीवित यूनिटधारक को ट्रांसफर हो जाता है.

नॉमिनी नहीं है तो क्या?

– कानूनी वारिसों को क्लेम के लिए डॉक्यूमेंट्स जमा करने होते हैं. – इसमें डेथ सर्टिफ़िकेट, पैन, बैंक प्रूफ़, नॉमिनी न होने की स्थिति में कानूनी सर्टिफिकेट शामिल हो सकते हैं.

नॉमिनी vs कानूनी वारिस

– नॉमिनी केवल ट्रस्टी होता है, असली मालिक कानूनी वारिस होते हैं. – वसीयत हो तो वैध उत्तराधिकारी को अधिकार. – विवाद होने पर मामला अदालत में सुलझाना पड़ता है.

निवेशक के लिए टिप्स

– अपने सभी फ़ोलियो में सही नॉमिनी रजिस्टर करें. – अपनी वसीयत अपडेट रखें. – क्लेम प्रक्रिया में किसी भी दिक्कत पर AMC या डिस्ट्रीब्यूटर से मदद लें.

Disclaimer

ये पोस्ट सिर्फ़ जानकारी के लिए है. इसे निवेश सलाह न समझें. किसी भी निवेश के फ़ैसले से पहले एक्सपर्ट से सलाह ज़रूर लें.