Published on: 21st May 2025
जब म्यूचुअल फ़ंड निवेशक का निधन हो जाता है, तो निवेश को क्लेम करने का अधिकार नॉमिनी को मिलता है. यह प्रोसेस आसान नहीं, लेकिन सही जानकारी से आप बिना झंझट के पूरा कर सकते हैं.
– AMFI की वेबसाइट से डाउनलोड करें. – सही ढंग से भरें और जमा करें. यह क्लेम शुरू करने के लिए सबसे ज़रूरी डॉक्यूमेंट है.
– मृतक का self-attested और notarized death certificate देना होता है. – अगर नॉमिनी बच्चा है, तो उसका birth certificate भी चाहिए.
– नॉमिनी का PAN कार्ड self-attested कॉपी. – कैंसिल्ड चेक या बैंक स्टेटमेंट (3 महीने पुराना न हो). – KYC पूरी होनी चाहिए या KYC फॉर्म भरना होगा.
– ₹5 लाख तक के क्लेम में बैंक मैनेजर का सिग्नेचर अटेस्टेशन पर्याप्त. – ₹5 लाख से ऊपर के क्लेम में नोटरी पब्लिक या JMFC द्वारा अटेस्टेशन ज़रूरी.
– मृतक के अन्य identity proofs (PAN, Aadhaar, Passport आदि). – नाबालिग नॉमिनी के लिए गार्जियन के KYC डॉक्यूमेंट.
– नॉमिनी का दावा तभी होगा जब सभी यूनिटधारकों का निधन हो. – नहीं तो निवेश स्वतः जीवित यूनिटधारक को ट्रांसफर हो जाता है.
– कानूनी वारिसों को क्लेम के लिए डॉक्यूमेंट्स जमा करने होते हैं. – इसमें डेथ सर्टिफ़िकेट, पैन, बैंक प्रूफ़, नॉमिनी न होने की स्थिति में कानूनी सर्टिफिकेट शामिल हो सकते हैं.
– नॉमिनी केवल ट्रस्टी होता है, असली मालिक कानूनी वारिस होते हैं. – वसीयत हो तो वैध उत्तराधिकारी को अधिकार. – विवाद होने पर मामला अदालत में सुलझाना पड़ता है.
– अपने सभी फ़ोलियो में सही नॉमिनी रजिस्टर करें. – अपनी वसीयत अपडेट रखें. – क्लेम प्रक्रिया में किसी भी दिक्कत पर AMC या डिस्ट्रीब्यूटर से मदद लें.
ये पोस्ट सिर्फ़ जानकारी के लिए है. इसे निवेश सलाह न समझें. किसी भी निवेश के फ़ैसले से पहले एक्सपर्ट से सलाह ज़रूर लें.