क्या 50-30-20 रूल हर किसी के लिए सही है?

Published on: 19th May 2025

क्या Nasdaq ETF में निवेश का सही वक़्त आ गया है? अब ये महंगे नहीं हैं – लेकिन क्या ये अकेला कारण काफ़ी है?

समझिए प्रीमियम क्या होता है

– ETF का प्रीमियम = ETF की बाज़ार कीमत - उसकी असल NAV – जब डिमांड ज़्यादा और यूनिट्स कम हों, तो प्रीमियम बढ़ता है – मतलब? आप उसकी "असल" क़ीमत से ज़्यादा चुका रहे होते हैं

क्यों ज़रूरी हैं अंतरराष्ट्रीय ETF

– Global diversification – अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियों (Nvidia, Google, Meta) में indirect ownership – आसान तरीका: Nasdaq ETFs

पहले क्या हो रहा था?

– 2022-2024: SEBI ने विदेशी निवेश की लिमिट लगा दी – ETF यूनिट्स नहीं बढ़ सकीं – डिमांड हाई, सप्लाई कम = प्रीमियम आसमान पर

अब क्या बदला है?

– Premiums घट चुके हैं – कई Nasdaq ETF अब NAV के आसपास मिल रहे हैं – निवेशकों के लिए ये एक rational entry point हो सकता है

पर हर ETF सस्ता नहीं है

– Mirae Asset NYSE FANG+ ETF: अब भी ~13% प्रीमियम पर – S&P 500 Top 50 ETF: ~15% प्रीमियम 👉 हर ETF में अभी भी value नहीं है

क्या करें निवेश से पहले?

– NAV और iNAV दोनों जांचें – 5% से ज़्यादा प्रीमियम दिखे, तो थोड़ा रुक जाएं – बाज़ार भाव vs. असल वैल्यू में संतुलन देखें

iNAV क्यों ज़रूरी है? 

– iNAV = Intraday NAV रीयल टाइम प्राइस का अंदाज़ा देता है 💡 विदेशी ETF के लिए iNAV पिछली रात के data पर होता है

समझदारी से करें निवेश

– सिर्फ़ गिरा प्रीमियम नहीं, ETF की theme और exposure भी देखें – Entry price और exit strategy तय करें – लंबी अवधि की सोच रखें

Disclaimer

ये पोस्ट सिर्फ़ जानकारी के लिए है. इसे निवेश सलाह न समझें. किसी भी निवेश के फ़ैसले से पहले एक्सपर्ट से सलाह ज़रूर लें.