Published: 26th Dec 2024
दो ताले, एक चाबी – पर रिटर्न का खेल देखिए!
कल्पना करें, आपके पास दो नैस्डैक-100-फ़ोकस्ड म्यूचुअल फ़ंड हैं. दोनों का मक़सद अमेरिका के टेक-हैवी नैस्डैक-100 की परफ़ॉर्मेंस को दोहराना है, लेकिन फिर भी रिटर्न में बड़ा फ़र्क़!
एक फ़ंड Marathon दौड़ रहा है, दूसरा उसके आसपास भी नहीं टिकता. क्योंकि, जब आप इनके एक साल के रिटर्न (18 दिसंबर, 2024 तक) देखते हैं, तो आप चौंक जाते हैं: – कोटक नैस्डैक-100 FOF: 35% – मोतीलाल ओसवाल नैस्डैक-100 FOF: 56% 21% का अंतर! यानि, मोतीलाल ने 60% ज़्यादा रिटर्न दिया. क्या ये मैजिक है या इसके पीछे कोई लॉजिक?
मोतीलाल का FoF भारतीय ETF में निवेश करता है. ये ETF प्रीमियम पर ट्रेड करते हैं. यानि, क़ीमत उनकी असल वैल्यू से ज़्यादा होती है. कोटक का FoF ग्लोबल ETF में निवेश करता है. यहां प्रीमियम नहीं बल्कि असल वैल्यू से क़ीमत जुड़ी होती है. कुल मिलाकर, कोटक ग्लोबल स्टेज पर और मोतीलाल लोकल शो में लाइमलाइट ले रहा है!
मोतीलाल के ETF की डिमांड वैसी ही है, जैसे शादी में फ़्री मिठाई के लिए लाइन! और ग्लोबल ETF में ज़्यादा विकल्प होने पर प्रीमियम का असर नहीं है.
मोतीलाल का ऊंचा रिटर्न ETF प्रीमियम की वजह से है. अगर मांग कम हुई, तो गिरावट आ सकती है. लंबे समय में, Nasdaq-100 इंडेक्स की परफ़ॉर्मेंस मायने रखती है, प्रीमियम नहीं. ज़्यादा रिटर्न का पीछा करना कभी-कभी उल्टा भी पड़ सकता है.
– डेटा को गहराई से समझें, सिर्फ़ रिटर्न पर फ़ोकस न करें. – इंडेक्स के प्रदर्शन पर भरोसा करें, सही FoF चुनें, जो आपके लॉन्ग-टर्म गोल्स से मेल खाए. – कभी-कभी रिटर्न बढ़ते हैं, लेकिन क्या वो टिकाऊ हैं? ये सवाल ख़ुद से करें.
कोटक और मोतीलाल FOF का अंतर हमें बताता है कि प्राइसिंग, मांग और रेग्युलेशन फ़ंड के प्रदर्शन को कैसे बदल सकता है. तो अगली बार जब कोई बोले "ये फ़ंड 60% ज़्यादा रिटर्न दे रहा है," तो पूछें: "भाई, प्रीमियम का खेल है या वाक़ई जादू?
फ़ंड चुनते समय, ये तय करें कि आप कहानी में ‘हीरो’ हैं, ‘साइडकिक़’ नहीं! ‘वैल्यू रिसर्च धनक’ के साथ बने रहें और स्मार्ट निवेशक बनें.