Published: 28th Feb 2025
हाल ही में भारत सरकार ने ओल्ड टैक्स रिजीम में ज़रूरी बदलाव किए हैं. न्यू टैक्स रिजीम में कई तरह की टैक्स छूट को आसान बनाया गया है, जिससे निवेशकों के लिए टैक्स बचत के विकल्प पर दोबारा से विचार करने की ज़रूरत हो सकती है.
ELSS फ़ंड्स, जो कि एक प्रकार का टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट है, अब नई टैक्स रिजीम के कारण दबाव में हैं. क्या ये निवेश विकल्प अपनी पॉपुलैरिटी को खो देगा, या ये अभी भी निवेशकों के लिए फ़ायदेमंद रहेगा?
पिछले दस साल का डेटा दिखाता है कि ELSS फ़ंड्स ने औसतन हर साल 14.24% का रिटर्न दिया है, जिसमें सबसे कम रिटर्न -7.2% रहा है. इसे देखते हुए, ELSS अभी भी एक मज़बूत निवेश विकल्प नज़र आता है.
लंबे समय की निवेश अवधि में ELSS फ़ंड्स ज़्यादा स्थिर और ऊंचा रिटर्न देने में सक्षम होते हैं. सात साल की अवधि में औसत सालाना रिटर्न लगभग 13% रहा है.
ELSS और फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड्स दोनों ही डायवर्सिफ़ाइड फ़ंड्स हैं और लंबे समय में ग्रोथ के मौके़ देते हैं. दोनों कैटेगरीज़ में पांच से सात साल की अवधि में लगभग 13% का सालाना रिटर्न देखने को मिला है, जो इन्हें लंबे समय निवेश के लिए सही विकल्प बनाता है.
अगर आपको तत्काल पैसों की ज़रूरत नहीं हैं और आपके पास धैर्य है, तो ELSS में निवेशित रहना ही सही फ़ैसला है. लॉन्ग-टर्म ग्रोथ और कंपाउंडिंग के फ़ायदे के लिए निवेश को जारी रखना सही साबित हो सकता है.
आपके फ़ंड के रोलिंग रिटर्न की तुलना में ELSS और अन्य फ़ंड्स के साथ की गई है, और BSE 500 के बेंचमार्क के साथ इसकी प्रदर्शन क्षमता की जांच करें. ये आपको समझने में मदद करेगा कि आपका फ़ंड कैसा प्रदर्शन कर रहा है.
अगर आप SIP के ज़रिए से ELSS में निवेश कर रहे हैं और न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स के फ़ायदे में कमी आई है, तो फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड्स में स्विच करने पर विचार कर सकते हैं जो लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए मौके़ देते हैं.
अगर आपका ELSS फ़ंड लगातार ख़राब प्रदर्शन कर रहा है, तो बेहतर प्रदर्शन करने वाले और दूसरे फ़ंड्स में स्विच करने का विचार करें. ये आपके निवेश को बचा सकता है और लंबे समय में बेहतर रिटर्न दिला सकता है.
निवेश के आपके गोल और फ़ंड के प्रदर्शन को ध्यान में रखकर फै़सला करें. अपने फ़ाइनेंशियल गोल को प्राथमिकता देते हुए और मज़बूत डेटा के आधार पर अपने निवेश के फै़सले को पक्का करें.
ये स्टोरी सिर्फ़ जानकारी के लिए है. किसी भी निवेश से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें और फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह लें.