Published: 03rd Jan 2025
निवेश करते समय कशमकश रहती है कि क्या नया फ़ंड जादू दिखाएगा या पुराने का तजुर्बा काम आएगा? आइए इसे समझें…
क्या मुझे न्यू फ़ंड ऑफ़र (NFO) में निवेश करना चाहिए या किसी ऐसे म्यूचुअल फ़ंड में जिसका ट्रैक रिकॉर्ड मज़बूत हो?
NFO म्यूचुअल फ़ंड्स की नर्सरी क्लास है. यानि, NFO का पैसा इकट्ठा होता है, और फ़ंड मैनेजर इसे निवेश करना शुरू करते हैं. और जब इसकी हिस्ट्री यानि ट्रैक रिकॉर्ड तैयार होता है तब ये एक स्थापित म्यूचुअल फ़ंड कहलाता है.
NFO एक नया फ़ंड है, जिसे अभी तजुर्बा हासिल करना है. ट्रैक रिकॉर्ड तैयार होना है. स्थापित फ़ंड वो होता है जिसकी परफ़ॉर्मेंस का ट्रैक रिकॉर्ड बना चुका है और लोगों के सामने है.
ज़िंदगी में तजुर्बा बहुत मायने रखता है. वक्त के साथ हमारे फ़ैसले बेहतर होते जाते हैं. यही बात म्यूचुअल फ़ंड इन्वेस्टमेंट पर भी लागू होती है. फ़ाइनेंस का एक फ़ंडा याद रखें – जो ट्रैक रिकॉर्ड वाला होगा, वो ट्रैक पर दौड़ने में माहिर होगा. इसलिए लंबी हिस्ट्री और मज़बूत ट्रैक रिकॉर्ड वाला फ़ंड ही चुनें.
कुछ निवेशक NFO को एक IPO समझने की ग़लती करते हैं, जबकि दोनों में काफ़ी अंतर है. दरअसल, स्टॉक का प्राइस, सप्लाई और डिमांड पर आधारित होता है, जबकि म्यूचुअल फ़ंड यूनिट्स की सप्लाई हमेशा बनी रहती है. इसलिए NFO को IPO समझने की ग़लती न करें.
इस लेख का उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है, निवेश की सलाह नहीं. निवेश से पहले पूरी रिसर्च करें. इस विषय पर डिटेल जानकारियों के लिए अगली स्लाइड पर दिए लिंक पर क्लिक करें.