पर्सनल फ़ाइनेंस की शुरुआत कैसे करें?

पर्सनल फ़ाइनेंस की शुरुआत कैसे करें?  

Published:  07th Jan 2025

आज-कल युवाओं में निवेश का क्रेज़ बढ़ा है, जो बहुत अच्छा है. मगर सही शुरुआत के बिना ये क्रेज़ बस अधूरी कोशिश रह जाती है. 

पर्सनल फ़ाइनेंस क्यों ज़रूरी है?

ज़िंदगी दो तरह की होती है एक जहां पैसे मैनेज होते हैं और दूसरी जहां क्रेडिट कार्ड की लिमिट. पहली में आप प्लान बनाते हैं, दूसरी में सिर्फ ‘डू एंड डाई’ चलता है. आप कौन सी ज़िंदगी जी रहे हैं?  

कोरोना ने क्या सिखाया?

कोरोना ने बताया कि बचत बेहद ज़रूरी है. परेशानियां और बुरा वक़्त कभी भी आ सकता है, इसीलिए फ़ाइनेंशियल प्लानिंग बेहद अहम है. Emergency Fund रखना ज़िंदगी का एयरबैग है. हमेशा ज़रूरत पड़ती है. 

एक ग़लती जो कभी न करें  

आज स्टॉक मार्केट या म्यूचुअल फ़ंड में निवेश के बारे में सोचने वाले लोगों की तादात बढ़ रही है. इनमें युवा भी शामिल हैं. बिना सोचे-समझे निवेश करना वैसा ही है जैसे बिना ब्रेक के गाड़ी चलाना.  

बजट प्लान करना सबसे अहम

बजट न बनाना ऐसा है जैसे किराए के फ्लैट में वॉटर मोटर चलाना – महीने के आख़िर में सब कुछ खाली. हर खर्च का हिसाब रखें, ताकि महीने का आख़िरी हफ्ता सुकून से कटे. 

सबसे पहले इंश्योरेंस ख़रीदें  

इंश्योरेंस वो दोस्त है जो बुरे वक्त में आपकी मदद करता है, लेकिन उससे पहले वो आपकी जेब खाली करवाता है. इसे जल्दी लें ताकि कम पैसे में ज़्यादा फ़ायदा हो. 

PPF में निवेश करें

PPF एक सरकारी योजना है जो टैक्स भी बचाती है और रिटायरमेंट के लिए पैसे भी जोड़ती है. इंश्योरेंस के बाद आपको अपनी कमाई के एक हिस्से को PPF में निवेश करना चाहिए. रिटाइरमेंट के लिहाज़ से एक बेहतर विकल्प है. इसके बाद ही किसी भी दूसरे निवेश के लिए अपना क़दम आगे बढ़ाएं. 

इमरजेंसी के लिए तैयार रहें  

‘इमरजेंसी फंड’ का मतलब है वो पैसा, जो अचानक लाइट चली जाने पर इनवर्टर की तरह काम करे. इमरजेंसी फ़ंड ज़रूर बनाकर रखना चाहिए. ये आपके छह महीने के ख़र्च के बराबर होना चाहिए. इससे आप अचानक पड़ने वाली पैसों की ज़रूरत के वक़्त क्रेडिट-कार्ड के इस्तेमाल से बच जाएंगे.  

म्यूचुअल फ़ंड में SIP - निवेश का भरोसेमंद साथी  

SIP का मतलब है ‘Slow and Steady Wins the Race.’ ये आपको मार्केट के उतार-चढ़ाव में भी संभाले रखता है. SIP में छोटी रक़म लंबे समय तक निवेश कर के कॉर्पस तैयार कर सकते हैं. इस तरीक़े से किया गया निवेश, लंबे समय तक बढ़ता रहता है, और आपके निवेश का ख़र्च कम रहता है.