– ₹20-30 लाख ऐसे जगह निवेश करें, जहां flexibility हो, यानी जब चाहे पैसा निकाल सकें.
– SWP (Systematic Withdrawal Plan) के तहत ये पैसा Short-Term Debt Funds में रखा जाएगा.
– सालाना 6% से ज़्यादा न निकालें, ताकि आपकी पूंजी बनी रहे.
Explained
– हर तीन साल में आपकी पूंजी की स्थिति जांचें.
– अगर ₹1 करोड़ बढ़कर ₹1.10 करोड़ हो जाता है, तो अब ₹1.10 करोड़ पर 6% का लक्ष्य तय करें.
इस तरह से आपकी आमदनी बढ़ सकती है, और रिटायरमेंट के बाद भी नियमित आमदनी मिलती रहेगी.