Published on: 13th May 2025
नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है! दो फ़ंड्स, एक ही इंडेक्स, फिर NAV में इतना फर्क क्यों?
– NAV = Net Asset Value – किसी भी फ़ंड की एक यूनिट की क़ीमत – दिन के अंत में फ़ंड के सभी एसेट्स का वैल्यू – ख़र्चे = कुल नेट वैल्यू – फिर इसे यूनिट्स की संख्या से divide करते हैं 👉 यही है NAV!
– पुराना फ़ंड: मार्च 2000 से मार्केट में – NAV: ₹167.10 – नया फ़ंड: लॉन्च हुआ अक्टूबर 2024 में – NAV: ₹10.01 समझने की बात: जितना पुराना, उतना compounding का फायदा
दो दोस्त सेविंग शुरू करते हैं — एक 25 साल पहले, दूसरा पिछले साल जो पहले शुरू करता है, उसका पैसा ज़्यादा grow करता है Same with mutual funds!
– कम NAV = नया फ़ंड ज़्यादा NAV = पुराना फ़ंड 📌 दोनों में quality का कोई सीधा लिंक नहीं
– NAV ₹167.10 → 59.8 यूनिट NAV ₹10.01 → 999 यूनिट 💭 यूनिट्स भले ज़्यादा या कम हों, पर रिटर्न इंडेक्स से तय होता है
– Nifty 50 ने मार्च 2025 में दिया 6.3% का return फ़ंड ने अगर सही से ट्रैक किया — ₹10,000 → ₹10,630 चाहे 59 यूनिट हों या 999!
✅ फ़ंड कितनी बारीकी से इंडेक्स को ट्रैक करता है ✅ Tracking error कम हो ✅ Expense ratio सही हो ❌ सिर्फ NAV देखना बेकार है
ये पोस्ट सिर्फ़ जानकारी के लिए है. इसे निवेश सलाह न समझें. किसी भी निवेश के फ़ैसले से पहले एक्सपर्ट से सलाह ज़रूर लें.