Published: 13th Dec 2024
इस इंडियन स्टॉक मार्केट के ड्रामे में आपका स्वागत हैं! ड्रामे का पर्दा उठता है.
नवंबर में SIP कॉन्ट्रिब्यूशन ने ₹25,300 करोड़ का नया रिकॉर्ड बनाया. इतने पैसे में IPL की एक टीम ख़रीदी जा सकती है. ऐसा लगता है कि रिटेल इन्वेस्टर कह रहे हैं, "चाहे कुछ भी हो, SIP करेंगे!"
FY24 के कुल कॉन्ट्रिब्यूशन के 93% के बराबर निवेश तो FY25 के शुरुआती 9 महीनों में ही आ गया, जो एक रिकॉर्ड है. यानि, SIP अब सिर्फ़ इन्वेस्टमेंट नहीं, बल्कि एक आदत बन गई है.
पहले गदर मचाया, फिर मसीहा बने! अक्तूबर-नवंबर में FPIs ने ₹1,15,629 करोड़ निकालकर मार्केट में ग़दर मचाया. लेकिन दिसंबर की शुरुआत में, एक ट्विस्ट आया और FPI ने ₹24,454 करोड़ का निवेश कर दिया. वैश्वििक माहौल में सुधार और फ़ेड रेट कट की अफ़वाहें इस वापसी की वजह बनीं.
FPIs का पढ़ाकू टॉपर! FPIs ने IT सेक्टर में नवंबर के पहले हिस्से में ₹3,087 करोड़ और दूसरे हिस्से में ₹2,429 करोड़ डाले.
अक्तूबर और नवंबर की शुरुआत में इस सेक्टर से ₹7,092 करोड़ निकाले गए, लेकिन नवंबर के दूसरे हिस्से में पलटी मारते हुए ₹9,597 करोड़ का निवेश किया गया. सेक्टर ने बेवफ़ाई माफ़ कर दी! बेसहारा से अचानक FPI पोर्टफ़ोलियो की आंख का तारा हो गया.
FPIs का ठंडा इश्क! नवंबर में FPIs ने ₹13,346 करोड़ निकाले. सेक्टर अब अरिजीत सिंह की तर्ज़ पर पूछ रहा है, "फिर से ऑफ़लोड किया, क्यों किया?" हम बस उम्मीद करते हैं कि दिसंबर में थोड़ी रोमांटिक वापसी हो जाए.
EVs या 'Exit Vehicles? नवंबर के दूसरे हिस्से में ₹3,053 करोड़ निकाले गए. और FPIs के लिए EV का यानि 'Exit Vehicles' बन गया. कुल आउटफ़्लो ₹7,464 करोड़.
इस फ़ाइनेंशियल मेलोड्रामा से एक बात तो साफ़ है SIPs मिडल क्लास का सहारा बने हुए हैं, जबकि FPIs एग्ज़िट और एंट्री से नाटक रचते हैं. इन्वेस्टर याद रखें: "जब तक मार्केट चले, SIP चलाओ"
कहानी का मक़सद है आपको जानकारी देना और थोड़ा मुस्कुराना. बाक़ी इन्वेस्टिंग में स्मार्ट बनिए!