Published on: 5th March 2025
Systematic Transfer Plan से आप अपना पैसा धीरे-धीरे एक फंड से दूसरे फंड में भेज सकते हो, जैसे धीरे-धीरे पानी एक गिलास से दूसरे में डालना. बाक़ी, जानिए Systematic Transfer Plan करने पर टैक्स के नियम क्या कहते हैं.
भले ही दोनों फ़ंड एक ही कंपनी के क्यों न हों, फिर भी STP करने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) लगता है.
अगर आपके निवेश से जो मुनफ़ा होता है, वो ₹1.25 लाख से ज़्यादा हो जाए, तो उस पर 12.5% टैक्स देना पड़ता है.
जब आप STP से पैसा भेजते हो, तो हर बार ये एक नए निवेश की तरह माना जाता है, और इस पर टैक्स लगता है.
ELSS फ़ंड में तीन साल का लॉक-इन होता है. यानी, तीन साल तक पैसा निकाल नहीं सकते. तीन साल बाद आप दूसरे फ़ंड में पैसे ट्रांसफ़र कर सकते हैं.
अपने टैक्स को कम करने के लिए, आप अपने निकासी को अलग-अलग साल में बांट सकते हैं, ताकि हर साल की ₹1.25 लाख टैक्स-फ़्री लिमिट का फ़ायदा उठा सकें.
नए फ़ंड का चुनाव करते समय देखें कि वो आपके फ़ाइनेंशियल गोल और जोखिम उठाने की क्षमता से मेल खाता है या नहीं. इससे आपके निवेश के नतीजे बेहतर होंगे.
STP से आपको बाज़ार के उतार-चढ़ाव से बचने में मदद मिलती है, लेकिन टैक्स में ख़ास फ़ायदा नहीं होता है.
याद रखें, निवेश एक गंभीर फ़ैसला है. सही जानकारी और प्लानिंग से ही बेहतर कल की शुरुआत होती है. इस लेख का उद्देश्य निवेश से जुड़ी जानकारी देना है, निवेश से पहले एक्सपर्ट की राय ज़रूर लें.