Published on: 17th June 2025
बायोकॉन ने ₹4,500 करोड़ का QIP (क्वालिफ़ाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट) शुरू किया है, जिसमें ₹340.20 प्रति शेयर के हिसाब से नए शेयर बेचे जाएंगे. कंपनी ने यह कदम अपनी बैलेंस शीट को सुधारने और कर्ज़ घटाने के लिए उठाया है.
– कर्ज़ का बोझ बहुत बढ़ चुका था. – बायोकॉन बायोलॉजिक्स ने वायट्रिस से बायोसिमिलर कारोबार खरीदने के लिए कर्ज़ लिया था. – कर्ज़ चुकाने से ब्याज खर्च में कमी आएगी.
– कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी. – ब्याज के खर्च में कमी आएगी, जिससे कंपनी के मुनाफ़े पर असर पड़ेगा. – लेकिन कमाई प्रति शेयर (EPS) में गिरावट हो सकती है.
– नए शेयरों का वितरण शेयर की क़ीमत को दबा सकता है. – बायोकॉन का दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक हो सकता है, लेकिन शेयर की क़ीमत में उतार-चढ़ाव होगा. – निवेशक इस बंटवारे को लेकर सतर्क हैं.
– भारत की सबसे बड़ी बायोटेक कंपनियों में से एक है. – जेनेरिक दवाइयां, बायोसिमिलर्स, और कॉंट्रैक्ट रिसर्च का कारोबार. – दवाइयां डायबिटीज़, कैंसर, और ऑटोइम्यून बीमारियों के लिए.
– विकसित बाजारों जैसे अमेरिका में दवाइयां बेचना. – कंपनी लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए तैयार है, लेकिन संभावित जोखिम भी हो सकते हैं.
– कुल मिलाकर: 2/5 – ग्रोथ: 8/10 – वैल्यूएशन: 5/10 – क्वालिटी: 2/10 – मोमेंटम: 5/10
बायोकॉन का QIP कंपनी की वित्तीय स्थिति को सुधारने का एक सकारात्मक क़दम हो सकता है. लेकिन कर्ज़ में कमी को बेहतर कमाई और पूंजी दक्षता में बदलने में समय लगेगा. निवेशकों को पूरी जानकारी के साथ सतर्क रहना चाहिए.
ये पोस्ट सिर्फ़ जानकारी के लिए है. इसे निवेश सलाह न समझें. किसी भी निवेश के फ़ैसले से पहले एक्सपर्ट से सलाह ज़रूर लें.