Published on: 16th June 2025
🌍 इज़रायल-ईरान टकराव ने ग्लोबल मार्केट्स को झटका दिया है. 📈 गोल्ड ₹1 लाख पार कर गया है! 🧠 लेकिन क्या ये निवेश का सही वक़्त है? चलिए समझते हैं.
– मार्केट में जब अनिश्चितता होती है, गोल्ड बनता है 'Safe Haven' – पिछले 3 सालों में गोल्ड ने दिया है 23% तक का सालाना रिटर्न हर क्राइसिस में गोल्ड की डिमांड बढ़ी है
📆 2024 में भी, मिडिल ईस्ट में टेंशन के दौरान गोल्ड की क़ीमतें रिकॉर्ड हाई पर पहुंची थीं 🔺 मार्च से मई के बीच, गोल्ड $66,000 से $78,000 प्रति किलो हुआ
📊 पिछले 12 महीनों में गोल्ड की क़ीमतें 34% तक बढ़ीं ⚠️ ये बढ़ोतरी कई वजहों से हुई: – ग्लोबल इक्विटी में गिरावट – डॉलर का कमज़ोर होना – बॉन्ड यील्ड में गिरावट – क्रूड की क़ीमतों में उछाल
✅ अगर पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी <5% है, तो ये सही वक़्त हो सकता है ❌ लेकिन अगर सिर्फ़ शॉर्ट-टर्म मुनाफ़े के लिए सोच रहे हैं, तो सोचिए दो बार 🛡 गोल्ड को 'hedge' की तरह देखें — ना कि 'high return' वाले निवेश की तरह
🚫 फ़िज़िकल गोल्ड (सोने के गहने, बिस्किट) नहीं! ✅ Smarter options: – Gold Mutual Funds – Gold ETFs
🧍♂️ Beginners के लिए ideal 💳 SIP से छोटी राशि में निवेश मुमकिन 💡 लेकिन दो बार फीस लगती है (फंड + ETF), ध्यान दें
🔄 रियल-टाइम ट्रेडिंग 💰 Lower expense ratio 🧾 टैक्स में थोड़ा फायदा 🚫 लेकिन SIP की सुविधा नहीं है
🔍 FOMO से नहीं, डेटा से सोचें 📊 अपने पोर्टफ़ोलियो में 5-10% गोल्ड रखें – स्टेबिलिटी के लिए 🕰 शॉर्ट टर्म गेम नहीं, लॉन्ग टर्म स्ट्रैटेजी बनाएं
ये पोस्ट सिर्फ़ जानकारी के लिए है. इसे निवेश सलाह न समझें. किसी भी निवेश के फ़ैसले से पहले एक्सपर्ट से सलाह ज़रूर लें.