Published on: 17th June 2025
– इंडिया वेल्थ सर्वे 2025 के मुताबिक़, क़रीब 43% लोग अपनी पोस्ट-टैक्स इनकम का 20% से भी कम बचाते हैं. – ज़्यादा कमाई का मतलब यह नहीं कि ज़्यादा बचत होती है.
– 30 से 45 साल के आयु वर्ग में यह संख्या और भी कम है. – 10 में से 2 लोग निवेश के विकल्पों को समझने में असमर्थ हैं. – 14% लोगों के पास इमरजेंसी फंड तक नहीं है.
– बड़े गोल्स और उम्मीदें, लेकिन खराब वित्तीय आदतें. – 75% लोग बच्चों की शिक्षा और शादी के लिए पैसे जुटाना चाहते हैं. – 30% लोग जल्दी रिटायर होने का सपना देखते हैं, लेकिन योजनाएँ नहीं बनाते.
– खराब वित्तीय अनुशासन और इक्विटी निवेश से डर. – ज़्यादा कमाई का मतलब हमेशा ज़्यादा बचत नहीं होता. – आदतें और निवेश के विकल्प सही न होना समस्याएँ उत्पन्न करते हैं.
– सचमुच बड़ी पूंजी बनाने के लिए शुरुआत करें. – अपनी बचत को ऑटोमेट करें. – अपनी मंथली इनकम का कम से कम 25-30% तुरंत निवेश करें. – महंगे गैजेट्स या दिखावे से बचें.
– कम से कम छह महीने के ख़र्च के बराबर रक़म लिक्विड फ़ंड में रखें. – यह आपके वित्तीय संकट से बचाव करेगा.
– अगर आप नए हैं, तो फ्लेक्सी-कैप या एग्रेसिव हाइब्रिड फंड से शुरुआत करें. – SIP आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है.
– बाज़ार के समय का अनुमान लगाकर पैसे नहीं बनाए जाते. – यह अनुशासन और धैर्य से बनता है.
– दोस्तों या बैंक के टिप्स से बचें. – SEBI-रजिस्टर्ड फाइनेंशियल प्लानर से सलाह लें.
– चाहे ₹5 लाख कमाए हों या ₹50 लाख, सबसे ज़्यादा मायने रखता है आपकी बचत और निवेश की आदतें. – स्मार्ट बचत करें, सरल निवेश करें और कंपाउंडिंग को काम करने दें.
ये पोस्ट सिर्फ़ जानकारी के लिए है. इसे निवेश सलाह न समझें. किसी भी निवेश के फ़ैसले से पहले एक्सपर्ट से सलाह ज़रूर लें.