Published on: 10th June 2025

इंडेक्स को न ख़रीदें, इंडेक्स फ़ंड में निवेश करें! ये समझदारी भरा क़दम क्यों है? जानिए इसके फ़ायदे.

अगर मुझे निफ़्टी 50 पसंद है, तो सीधे इंडेक्स क्यों न खरीद लूं 

ये सवाल अक्सर निवेशक उठाते हैं. लेकिन असल में, इंडेक्स को सीधे ख़रीदना मुमकिन नहीं है. इंडेक्स बस एक बेंचमार्क है, एक संख्या, जो कुछ खास कंपनियों के प्रदर्शन को मापती है.

ज़्यादा ख़र्च और मेहनत

इंडेक्स को ट्रैक करने के लिए आपको सारे 50 शेयर ख़रीदने होंगे. – HDFC, इंफ़ोसिस, रिलायंस जैसे बड़े शेयरों में बड़ा निवेश करना होगा. ₹8-9 लाख से कम नहीं लगेगा. इतना ही नहीं, हर शेयर को राउंड ऑफ़ करना, ट्रैकिंग, और खरीद-बिक्री की मेहनत अलग से!

इंडेक्स फ़ंड की सहूलत

इंडेक्स फ़ंड के साथ आप सिर्फ ₹500 से शुरुआत कर सकते हैं. – कोई मेहनत नहीं! – सभी शेयरों में डायवर्सिफ़िकेशन बिना किसी चिंता के. – फ़ंड आपके लिए खुद बदलाव करता है, जो पोर्टफोलियो को सही बनाए रखता है.

ट्रैकिंग एरर की समस्या 

इंडेक्स को ट्रैक करना मुश्किल है. – जैसे-जैसे बाज़ार बदलते हैं, शेयरों का रेशियो बदलता है. अगर आप बदलाव नहीं करते, तो आपका पोर्टफोलियो असल इंडेक्स से अलग हो सकता है. इंडेक्स फ़ंड ये सब खुद करता है!

टैक्स की बचत

DIY निवेशक जब अपने पोर्टफोलियो को रिबैलेंस करते हैं, तो उन्हें टैक्स देना पड़ता है. – हर बिक्री पर टैक्स लगता है. – लेकिन इंडेक्स फ़ंड में आपको तब तक टैक्स नहीं देना होता, जब तक आप फ़ंड की यूनिट्स नहीं बेचते.

इंडेक्स फ़ंड की कम फीस 

इंडेक्स फ़ंड्स की फ़ीस आमतौर पर 0.05% से 1% सालाना होती है. – इस छोटी सी फीस में आपको मिलता है: सटीक ट्रैकिंग टैक्स बचत ट्रेडिंग की मेहनत न करना

क्यों इंडेक्स फ़ंड बेहतर है?

DIY तरीका अच्छा लगता है, लेकिन – खर्च बढ़ता है – मेहनत भी ज़्यादा – ग़लती की संभावना टैक्स का बोझ इंडेक्स फ़ंड में निवेश कर, आप सुकून और स्मार्ट निवेश करते हैं.

Disclaimer

ये पोस्ट सिर्फ़ जानकारी के लिए है. इसे निवेश सलाह न समझें. किसी भी निवेश के फ़ैसले से पहले एक्सपर्ट से सलाह ज़रूर लें.