सरल निवेश से अद्भुत दौलत तक का सफ़र
धीरज रखने का जादू क्या है और क्यों 'कुछ न करना' बेहतर हो सकता है 'कुछ भी करने' से
धीरज रखने का जादू क्या है और क्यों 'कुछ न करना' बेहतर हो सकता है 'कुछ भी करने' से
घबराहट में बिकवाली हो रही है, लेकिन भारतीय निवेशक इस झांसे में नहीं आ रहे
क्यों हॉट' इन्वेस्टमेंट की होड़ में कॉर्पोरेट गवर्नेंस एक टिकाऊ रिटर्न का आधार बना हुआ है
जब निवेश एक जुए में बदल जाता है और जुआघर को छोड़कर हर कोई हारता है
जब इंसानी भावनाएं ही हमारी सबसे बड़ी दुश्मन बन जाती हैं
जब दुनिया का आर्थिक ढांचा बदल रहा हो, तो सोने को फिर से देखना ज़रूरी हो सकता है--फिर चाहे आप अब तक इसके आलोचक ही क्यों न रहे हों.
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