मेडिकल ख़र्च की त्रासदी
भारत को मेडिकल ख़र्च में पारदर्शिता का एक बेहतर और असरदार क़ानून चाहिए, और वो भी जल्द-से-जल्द
भारत को मेडिकल ख़र्च में पारदर्शिता का एक बेहतर और असरदार क़ानून चाहिए, और वो भी जल्द-से-जल्द
घबराहट में बिकवाली हो रही है, लेकिन भारतीय निवेशक इस झांसे में नहीं आ रहे
क्यों हॉट' इन्वेस्टमेंट की होड़ में कॉर्पोरेट गवर्नेंस एक टिकाऊ रिटर्न का आधार बना हुआ है
जब निवेश एक जुए में बदल जाता है और जुआघर को छोड़कर हर कोई हारता है
जब इंसानी भावनाएं ही हमारी सबसे बड़ी दुश्मन बन जाती हैं
जब दुनिया का आर्थिक ढांचा बदल रहा हो, तो सोने को फिर से देखना ज़रूरी हो सकता है--फिर चाहे आप अब तक इसके आलोचक ही क्यों न रहे हों.
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