शॉर्ट-टर्म की सोच क्यों हावी है?
हममें से ज़्यादातर लोग ऐसे फ़ैसले लेने में माहिर नहीं हैं जिनमें लुभावने वर्तमान की तुलना सुदूर भविष्य से की जाए. यहीं पर समस्या है.
हममें से ज़्यादातर लोग ऐसे फ़ैसले लेने में माहिर नहीं हैं जिनमें लुभावने वर्तमान की तुलना सुदूर भविष्य से की जाए. यहीं पर समस्या है.
घबराहट में बिकवाली हो रही है, लेकिन भारतीय निवेशक इस झांसे में नहीं आ रहे
क्यों हॉट' इन्वेस्टमेंट की होड़ में कॉर्पोरेट गवर्नेंस एक टिकाऊ रिटर्न का आधार बना हुआ है
जब निवेश एक जुए में बदल जाता है और जुआघर को छोड़कर हर कोई हारता है
जब इंसानी भावनाएं ही हमारी सबसे बड़ी दुश्मन बन जाती हैं
जब दुनिया का आर्थिक ढांचा बदल रहा हो, तो सोने को फिर से देखना ज़रूरी हो सकता है--फिर चाहे आप अब तक इसके आलोचक ही क्यों न रहे हों.
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