बड़े सवाल

जुलाई से पहले NSC/SCSS लॉक करें या डेट फ़ंड्स में निवेश करें?

चलिए, विस्तार से जानते हैं!

जुलाई से पहले SCSS या NSC लॉक करें या डेट फ़ंड्स में इन्वेस्ट करें?AI-generated image

सीनियर सिटिज़न सेविंग स्कीम (SCSS) और नेशनल सेविंग सर्टिफ़िकेट (NSC) जैसे कई स्मॉल सेविंग स्कीम के इंटरेस्ट रेट अभी कई सालों के हाई पर हैं. मिसाल के तौर पर, SCSS में 8.2% का रेट मिल रहा है , जो आजकल फ़िक्स्ड-इनकम ऑप्शन में मिलना मुश्किल है.

लेकिन ये आकर्षक रिटर्न का मौक़ा शायद अब ज़्यादा दिन नहीं रहेगा. रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने अपनी पिछली दो मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में रेपो रेट में कटौती कर दी है, जो रेट साइकिल में बदलाव का इशारा करती है. हालांकि इन कटौतियों का अभी स्मॉल सेविंग स्कीम पर असर नहीं हुआ, लेकिन जल्दी ऐसा हो सकता है. फ़ाइनांस मिनिस्ट्री हर तिमाही में रेट रिवाइज़ करती है और अगला रिवीज़न 1 जुलाई से लागू होगा, साथ ही अगले महीने की शुरुआत में RBI की एक और मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग है.

तो, सवाल ये है—क्या निवेशकों को अभी ये हाई रेट लॉक कर लेने चाहिए या डेट म्यूचुअल फ़ंड्स में जाना चाहिए?

फ़िक्स्ड Vs फ़्लोटिंग रेट
सभी स्मॉल सेविंग स्कीम पूरे टेन्योर के लिए फ़िक्स्ड रेट ऑफ़र नहीं करतीं. याद रखें कि फ़िक्स्ड रेट मैच्योरिटी तक वही रहते हैं, जबकि फ्लोटिंग रेट सरकार के रिव्यू (आमतौर पर हर तिमाही) के हिसाब से ऊपर-नीचे हो सकते हैं.

यहां उन स्मॉल सेविंग स्कीम की लिस्ट है, जो फ़िक्स्ड रेट ऑफ़र करती हैं.

आप कौन सी स्मॉल सेविंग स्कीम मौजूदा इंटरेस्ट रेट लॉक कर सकते हैं?

स्कीम इंटरेस्ट रेट (अप्रैल-जून 2025) टेन्योर रेट लॉक-इन? कौन इन्वेस्ट कर सकता है?
SCSS 8.20% 5 साल हां सीनियर सिटिज़न (60+)
NSC 7.70% 5 साल हां सभी लोग
KVP 7.50% ~115 महीने हां सभी लोग
POMIS 7.40% 5 साल हां सभी लोग
POTD (5-yr) 7.50% 5 साल हां सभी लोग
PPF 7.10% 15 साल नहीं (हर तिमाही रिवाइज़) सभी लोग
सुकन्या समृद्धि योजना 8.20% 21 साल तक नहीं (हर तिमाही रिवाइज़) लड़की के गार्जियन

इनमें से SCSS और NSC अपने हाई यील्ड की वजह से सबसे ख़ास हैं.

SCSS, जो सिर्फ़ सीनियर सिटिज़न के लिए है, 8.2% का सबसे हाई रेट देती है. NSC, जो सभी निवेशकों के लिए उपलब्ध है, वो 7.7% रिटर्न देती है, जो 5 साल के लिए लॉक हो जाती है.

डेट म्यूचुअल फ़ंड्स से इनकी तुलना कैसे जा सकती है?
डेट म्यूचुअल फ़ंड्स , ख़ासकर टारगेट मैच्योरिटी फ़ंड्स (TMFs) और शॉर्ट-ड्यूरेशन फ़ंड्स , को फ़िक्स्ड-इनकम स्कीम का ऑल्टरनेटिव विकल्प माना जाता है. लेकिन स्मॉल सेविंग स्कीम के उलट, म्यूचुअल फ़ंड्स के रिटर्न मार्केट से जुड़े होते हैं और गारंटीड नहीं हैं.

फ़िलहाल, 2030 में मैच्योर होने वाले TMFs और शॉर्ट-ड्यूरेशन फ़ंड्स 6.5 से 7% का YTM (यील्ड टू मैच्योरिटी) ऑफ़र कर रहे हैं. (YTM वो सालाना रिटर्न है, जो इन्वेस्टर को मिल सकता है अगर फ़ंड के अंदर के बॉन्ड को बिना किसी बदलाव के मैच्योरिटी तक होल्ड किया जाए.)

हालांकि, असल रिटर्न मार्केट के उतार-चढ़ाव और निवेशक के होल्डिंग पीरियड पर निर्भर करते हैं.

फ़िक्स्ड-रेट स्मॉल सेविंग स्कीम Vs डेट म्यूचुअल फ़ंड्स

फ़ीचर SCSS/NSC डेट म्यूचुअल फंड्स
रिटर्न टाइप फ़िक्स्ड मार्केट-लिंक्ड
रिस्क लगभग ज़ीरो कम से मॉडरेट
लिक्विडिटी सीमित (लॉक-इन या पेनल्टी) हाई (कभी भी रिडीम करें)
टैक्सेशन सालाना इंटरेस्ट पर टैक्स रिडेम्शन पर ही टैक्स
पहले से अनुमानित रिटर्न हाई तुलनात्मक रूप से कम

डेट फ़ंड्स कहां बेहतर हैं?
भले ही स्मॉल सेविंग स्कीम बेजोड़ सेफ्टी और अभी बेहतर यील्ड ऑफ़र करती हैं, लेकिन डेट म्यूचुअल फ़ंड्स के भी अपने फ़ायदे हैं. ये लचीलापन और लिक्विडिटी लाते हैं, जो आपके गोल और टाइम होराइज़न के हिसाब से ज़रूरी हो सकते हैं.

  • टैक्सेशन: अप्रैल 2023 से डेट म्यूचुअल फ़ंड्स पर भी स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगता है, जैसा स्मॉल सेविंग स्कीम में है. लेकिन फ़र्क ये है कि टैक्स कब लगता है? SCSS और NSC में इंटरेस्ट पर हर साल टैक्स लगता है. म्यूचुअल फ़ंड्स में टैक्स तभी लगता है, जब आप पैसा निकालते हैं, यानी आपको इनमें टैक्स टालने का फ़ायदा मिलता है.
  • लिक्विडिटी: अगर आपको जल्दी पैसे निकालने की ज़रूरत पड़ सकती है, तो डेट फ़ंड्स बेहतर हैं. NSC को समय से पहले बंद नहीं किया जा सकता (कुछ ख़ास मामलों को छोड़कर). SCSS में एक साल बाद निकासी की इजाज़त है, लेकिन पेनल्टी के साथ.

आपको क्या करना चाहिए?
अगर आपका गोल तय है और आप सेफ़ और अच्छा रिटर्न कमाना है, तो अभी NSC और SCSS में इन्वेस्ट करना सही रहेगा, क्योंकि 1 जुलाई से इंटरेस्ट रेट में कटौती हो सकती है.

वहीं, अगर आप लिक्विडिटी और टैक्स टालने को अहमियत देते हैं, तो ख़ासकर शॉर्ट-ड्यूरेशन या टारगेट मैच्योरिटी ऑप्शन जैसे डेट म्यूचुअल फ़ंड्स पर गौर करें. ये गारंटीड रिटर्न तो नहीं देते, लेकिन इनमें गोल या मार्केट कंडीशन बदलने पर एडजस्ट करने की आज़ादी मिलती है.

कई निवेशकों के लिए सबसे बेस्ट सॉल्यूशन दोनों को मिक्स करना हो सकता है:

  • उस कैपिटल के लिए SCSS या NSC का इस्तेमाल करें, जिसे सेफ़ रखना और पक्के रिटर्न के साथ बढ़ाना है.
  • डेट म्यूचुअल फ़ंड्स का इस्तेमाल उन गोल्स के लिए करें, जिनके लिए लिक्विडिटी और पोर्टफ़ोलियो में लचीलेपन की ज़रूरत होती है.

ये भी पढ़िए: क्या आपको बच्चों के लिए PPF में निवेश करना चाहिए? जानें इसके नियम

ये लेख पहली बार मई 22, 2025 को पब्लिश हुआ.

वैल्यू रिसर्च से पूछें aks value research information

कोई सवाल छोटा नहीं होता. पर्सनल फ़ाइनांस, म्यूचुअल फ़ंड्स, या फिर स्टॉक्स पर बेझिझक अपने सवाल पूछिए, और हम आसान भाषा में आपको जवाब देंगे.


दूसरी कैटेगरी