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जब शेयर बाज़ार में हलचल मचती है, तो ज़्यादातर निवेशक घबरा जाते हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो मुस्कुराते हैं और अपने डिविडेंड को फिर से निवेश करते हैं.
क्यों? क्योंकि उन्होंने एक मज़बूत सोच पर आधारित पोर्टफ़ोलियो तैयार किया होता है. और ये मज़बूत आधार है, ऐसे बिज़नस में निवेश करना जो लगातार हर साल डिविडेंड बढ़ाते हैं.
Apple, Microsoft, Visa और Costco जैसी कंपनियों को ही देखिए. ये सिर्फ़ अपने-अपने क्षेत्र की ग्लोबल लीडर्स ही नहीं हैं, बल्कि S&P U.S. Dividend Growers Index का हिस्सा भी हैं—एक ऐसा इंडेक्स जिसमें वे कंपनियां शामिल हैं जो लगातार 10 साल से ज़्यादा समय तक डिविडेंड बढ़ा रही हैं.
शायद ये रणनीति बहुत रोमांचक न लगे, लेकिन इसका असर ज़बरदस्त है.
शांत लेकिन लगातार बढ़ता रिटर्न
पिछले दस साल में, S&P U.S. Dividend Growers Index ने औसतन 11.7% वार्षिक रिटर्न दिए हैं—जो व्यापक अमेरिकी बाज़ार के बराबर है. फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है कि इसने ये सब कम उतार-चढ़ाव और मार्केट क्रैश के दौरान कम नुक़सान के साथ किया.
- इस इंडेक्स का एनुअलाइज़्ड वॉलेटिलिटी (स्टैंडर्ड डीविएशन) 13.7% रहा है, जबकि अमेरिकी बाज़ार के लिए ये 17% था.

तो जब दुनिया ट्रेडिंग के नए ट्रेंड्स के पीछे भाग रही थी, तब डिविडेंड ग्रोथ स्टॉक्स ने धैर्यवान निवेशकों को इनाम दिया.
डिविडेंड ग्रोथ रणनीति—ख़ास तौर पर भारत में क्यों ज़रूरी है?
भारतीय संदर्भ में, ये रणनीति और भी ज़्यादा मायने रखती है.
हम स्थिरता को महत्व देते हैं, लंबी अवधि के लक्ष्यों की योजना बनाते हैं (जैसे बच्चों की पढ़ाई या रिटायरमेंट), और उन कंपनियों पर ज़्यादा भरोसा करते हैं जो साल दर साल अच्छा प्रदर्शन करती हैं.
फिर भी, ज़्यादातर निवेशक या तो ज़्यादा डिविडेंड यील्ड के पीछे भागते हैं या हाई-ग्रोथ स्टॉक्स के पीछे—जो अक्सर अस्थिर साबित होते हैं.
इसका स्मार्ट विकल्प? ऐसे व्यवसायों में निवेश करना जो मुनाफ़े और डिविडेंड, दोनों को स्थायी रूप से बढ़ाते हैं.
भारत में इस रणनीति को कैसे लागू किया गया?
वैल्यू रिसर्च स्टॉक एडवाइज़र में हमने भारतीय निवेशकों के लिए एक डिविडेंड ग्रोथ पोर्टफ़ोलियो तैयार किया है. इसमें शामिल हैं वे कंपनियां जिनके मूलभूत आंकड़े मज़बूत हैं, जिनका डिविडेंड रिकॉर्ड शानदार है और जिनमें लंबी अवधि की संभावनाएं मौजूद हैं.
एक झलक इस पोर्टफ़ोलियो की:
- एक उपभोक्ता ब्रांड जो लगभग हर भारतीय घर में मौजूद है—लेकिन जिसे अधिकांश निवेशक नज़रअंदाज़ करते हैं, जबकि यह हर साल शेयरधारकों को इनाम देता है.
- एक इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस कंपनी जो शायद कभी सुर्खियों में नहीं आती, लेकिन डॉलर में कमाकर घरेलू निवेशकों को डबल डिजिट डिविडेंड ग्रोथ देती है.
- एक मोबिलिटी कंपनी जो भारत की सड़कों पर राज करती है—लेकिन अमीरों को नहीं, बल्कि भारत के दिल तक पहुंचती है.
- एक कंपनी जो प्राकृतिक गैस और इंफ़्रास्ट्रक्चर के संगम पर खड़ी है—स्थिर प्राइसिंग पॉवर और बेहतरीन डिविडेंड ट्रैक रिकॉर्ड के साथ.
- एक वित्तीय संस्था जो अनुशासन, कम एनपीए और लॉन्ग टर्म निवेशकों को नियमित रूप से प्रॉफ़िट का हिस्सा देने के लिए जानी जाती है.
- एक एग्री-साइंस की कंपनी जिसने भारत के कृषि क्षेत्र के बदलावों का पूरा फ़ायदा उठाया है—साइक्लिकल दौर में भी ग्रोथ बनाए रखी है और डिविडेंड लगातार बढ़ाया है.
ये कोई हाई यील्ड ट्रैप्स या सट्टा नहीं हैं. ये वो बिज़नस हैं जो बढ़ते हैं, कंपाउंड करते हैं और मार्केट के उतार-चढ़ाव में भी निवेशकों को फ़ायदा देते हैं.
ये है आपके लिए एक संकेत
ये पोर्टफ़ोलियो बाज़ार के पीछे भागने के लिए नहीं है. ये उस दौलत को गढ़ने के लिए है जिस पर आप भरोसा कर सकें—ख़ासकर तब जब बाज़ार अस्थिर हो.
अगर आप ऐसी रणनीति की तलाश में हैं जो आपको लगातार बढ़ती इनकम और लॉन्ग टर्म कैपिटल ग्रोथ दे सके—तो यह सही समय है.
डिविडेंड ग्रोथ पोर्टफ़ोलियो अभी आज़माएं
किसी "परफ़ेक्ट" मार्केट कंडीशन का इंतज़ार न करें.
डिविडेंड ग्रोथ की सबसे बेहतरीन कहानियां अक्सर शांत रहती हैं—जब तक उन्हें जानने का समय निकल न जाए.
आज ही अपनी यात्रा शुरू करें.
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