Adobe Stock
गोल्ड की चमक फिर से बढ़ रही है.
क़ीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं. 21 अप्रैल, 2025 को गोल्ड के नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के साथ, निवेशकों की इसमें दिलचस्पी फिर से बढ़ गई.
जब "सेफ हैवन" की चर्चा होती है, तो ये सोचना स्वाभाविक है कि क्या आपको अपने पोर्टफ़ोलियो में गोल्ड को शामिल करना चाहिए? लेकिन ख़रीदने से पहले, ये याद रखना ज़रूरी है: सोना सिर्फ़ एक एसेट नहीं है; ये एक आइडिया है. और इस आइडिया से कैसे बहुत फ़र्क़ पड़ सकता है, आप इसे कैसे देखते हैं.
सोने में इतनी तेज़ी क्यों है?
सोने की क़ीमतों में हालिया बढ़ोतरी की वजह कई फ़ैक्टर हैं:
- ट्रेड टैरिफ़ और आर्थिक नीतियां: अमेरिका द्वारा भारी टैरिफ़ लगाए जाने से आर्थिक विकास और महंगाई को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं. फेडरल रिज़र्व के चेयर जेरोम पॉवेल ने चेतावनी दी कि ये टैरिफ़ अर्थव्यवस्था को काफ़ी प्रभावित कर सकते हैं, जिससे निवेशक गोल्ड में निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे.
- केंद्रीय बैंकों की तरफ़ से ख़रीद: दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने अपने सोने के रिज़र्व में काफ़ी बढ़ोतरी की है. 2024 में, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों की तरफ़ से गोल्ड की ख़रीद लगातार तीसरे वर्ष (बाज़ार के आंकड़ों के अनुसार) 1,000 टन से ज़्यादा हो गई. विशेष रूप से, चीन की नीति में बदलाव से बीमा कंपनियों को 1 फ़ीसदी तक की एसेट गोल्ड में एलोकेट करने की अनुमति मिल सकती है, जिससे सालाना मांग में लगभग 255 टन की बढ़ोतरी हो सकती है.
- कमज़ोर अमेरिकी डॉलर: डॉलर इंडेक्स में गिरावट आई है, जिससे दूसरी करंसीज को रखने वाले निवेशकों के लिए गोल्ड ज़्यादा आकर्षक हो गया है.
- ब्याज दरों में कटौती का अनुमान: अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा दरों में कटौती की उम्मीदों ने गोल्ड जैसी निष्क्रिय एसेट्स को रखने की ऑपर्च्युनिटी कॉस्ट को कम कर दिया है, जिससे इसके प्रति आकर्षण और बढ़ गया है.
गोल्ड पर धीरेंद्र कुमार की राय
वैल्यू रिसर्च के CEO धीरेंद्र कुमार लंबे समय से सोने के प्रति संदेहवादी रहे हैं. वे अक्सर बफ़े के इस विचार को दोहराते थे- सोना चमकदार तो है लेकिन अनुत्पादक है.
हालांकि, धीरेंद्र मानते हैं कि परिदृश्य बदल रहा है. अपने हाल के एक कॉलम में उन्होंने लिखा, "रूसी केंद्रीय बैंक की एसेट्स को फ्रीज करने से देशों को एहसास हुआ कि डॉलर के रिज़र्व में राजनीतिक जोखिम है." उन्होंने लिखा, "इसके जवाब में, केंद्रीय बैंकों ने गोल्ड की ख़रीद बढ़ा दी है. ये महज अटकलबाजी नहीं है-ये वैश्विक मॉनेट्री सिस्टम में गहरे बदलावों की ओर इशारा करता है."
ये भी पढ़ेंः SGB FAQs: स्टॉक एक्सचेंज पर कैसे ख़रीदें-बेचें?
तो, क्या अभी गोल्ड ख़रीदना चाहिए?
हाल ही में गोल्ड में आई तेज़ी के बाद इसे खरीदना आकर्षक लग सकता है, लेकिन पहले थोड़ा रुकें और अपने पोर्टफ़ोलियो में इसकी भूमिका के बारे में विचार करें.
गोल्ड कोई ग्रोथ एसेट नहीं है. ये डिविडेंड या ब्याज जैसा फ़ायदा नहीं देता है. ये बस चमकता हुआ और कभी-कभी बढ़ता हुआ दिखाई देता है. यही कारण है कि धीरेंद्र कुमार लगातार गोल्ड का उल्लेख निवेश के बजाय एक बचाव के रूप में करते हैं. इसका इस्तेमाल अनिश्चित दौर में, आपके पोर्टफ़ोलियो की सुरक्षा के लिए सबसे अच्छा है, न कि इसके रिटर्न को बढ़ाने के लिए.
इसलिए, सोने पर तभी विचार करें जब आपके निवेश में जोखिम कम हो. ज़्यादातर निवेशकों के लिए, कुल पोर्टफ़ोलियो का 5-10 फ़ीसदी एलोकेशन पर्याप्त है. ये कुल रिटर्न को कम किए बिना सुरक्षा की एक परत जोड़ने के लिहाज़ से काफ़ी है.
सोने में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीक़ा क्या है?
अगर आप पोर्टफ़ोलियो में गोल्ड को जोड़ने के बारे में आश्वस्त हैं, तो समझदारी से चुनाव करें. निवेश के लिए फिजिकल गोल्ड से बचें; ये सांस्कृतिक या पहनने के लिए बेहतर है. निवेश के लिहाज़ से, ये ठीक नहीं है और इस पर अतिरिक्त चार्जेस भी लगते हैं.
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) सबसे बेहतर विकल्प हैं, जिनमें क़ीमतों में बढ़ोतरी और मैच्योरिटी पर मिलने वाले रिटर्न के टैक्स-फ़्री होने के अलावा 2.5 फ़ीसदी सालाना ब्याज का फ़ायदा मिलता है.
- गोल्ड ETF या म्यूचुअल फ़ंड इसके बाद आते हैं, लेकिन इनमें कुछ कॉस्ट भी चुकानी पड़ती है.
आखिरी बात
हां, गोल्ड फिर से चमक रहा है. लेकिन इस चमक से भ्रम में न पड़ जाएं. अपने एसेट एलोकेशन पर टिके रहें, इसे सरल रखें और याद रखें कि सोना वास्तव में क्या है: एक पोर्टफ़ोलियो बीमा पॉलिसी.
ये भी पढ़ेंः सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड इस समय महंगे हैं. गोल्ड में निवेश के दूसरे तरीक़े क्या हैं?
ये लेख पहली बार अप्रैल 21, 2025 को पब्लिश हुआ.