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मीरा को समय से पहले SCSS से बाहर निकलने पर ₹10,000 का नुक़सान क्यों हुआ?

चलिए पता करते हैं!

मीरा को वक़्त से पहले SCSS से बाहर निकालने पर ₹10,000 का नुक़सान क्यों हुआ?Aditya Roy/AI-Generated Image

सारांशः क्या आप भी अपने SCSS अकाउंट से मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने का सोच रहे हैं? फ़ैसला लेने से पहले इसके नियमों को अच्छे से पढ़ लें.

जब मीरा 60 साल की हुईं, तो उन्होंने अपनी बचत को ज़्यादा सुरक्षित जगाहों में लगाना शुरू किया. कई रिटायर्ड लोगों की तरह, वो भी ऐसा ज़रिया चाहती थीं जहां आमदनी फ़िक्स्ड हो और रिस्क बिलकुल कम हो. फ़िक्स्ड डिपॉज़िट (FD) उन्हें कुछ ख़ास नहीं लगा और बैंक का सेविंग अकाउंट भी समझ से बाहर था.

तभी उन्हें सीनियर सिटिज़न सेविंग्स स्कीम (SCSS) के बारे में पता चला. इसमें सालाना 8.2 फ़ीसदी का अच्छा रिटर्न था, वो भी हर तीन महीने में और ये सरकार की तरफ़ से पूरी तरह भरोसेमंद स्कीम थी. साथ ही, इसमें नियमित पेआउट्स का भी इंतज़ाम था. SCSS मीरा को एकदम सही लगी - सुरक्षा भी और ठीक-ठाक रिटर्न भी.

ज़्यादा सोचे बिना मीरा ने जून 2023 में SCSS में ₹10 लाख लगा दिए. ये पांच साल की एक तयशुदा मियाद थी, लेकिन मीरा को लगा कि वो आराम से इसे निभा लेंगी. पर ज़िंदगी का प्लान कुछ और ही था.

अचानक पैसों की ज़रूरत

तीन साल बाद, उनके घर में एक मेडिकल इमरजेंसी आ गई. अचानक पैसों की सख़्त ज़रूरत उसके सारे प्लान को झकझोर कर रख दिया. सेविंग अकाउंट में ज़्यादा कुछ नहीं था, तो उसने अपने SCSS निवेश की ओर रुख किया जो कि उसे सही लगा.

मीरा भरोसे के साथ अपने नज़दीकी बैंक पहुंचीं, उसे यक़ीन था कि पैसे आसानी से मिल जाएंगे. आख़िर ये स्कीम तो उनके जैसे रिटायर्ड लोगों के लिए ही बनी है. उसने सोचा था कि शायद थोड़ी बहुत कटौती या प्रोसेसिंग फ़ीस लगेगी.

मगर वो ₹10,000 का जुर्माने के लिए तैयार नहीं थी.

वो जुर्माना, जिसके बारे में कोई बात नहीं करता

जब बैंक मैनेजर ने मीरा को नियम समझाए, तभी उसे पता चला कि वक़्त से पहले अकाउंट बंद करने पर जुर्माना लगता है.

SCSS में वक़्त से पहले अकाउंट बंद करने की इजाज़त तो है, लेकिन कुछ सख़्त शर्तों के साथ:

  • अगर अकाउंट एक साल के अंदर बंद किया जाए, तो कोई ब्याज नहीं मिलता और जो ब्याज पहले मिल चुका हो, उसे भी मूलधन से काट लिया जाता है.
  • अगर एक साल बाद लेकिन दो साल से पहले बंद किया जाए, तो कुल निवेश पर 1.5% की पेनल्टी लगती है.
  • अगर दो साल के बाद लेकिन पांच साल से पहले बंद किया जाए, तो 1% की पेनल्टी देनी पड़ती है.

चूंकि मीरा ने तीसरे साल में अकाउंट बंद करवाने की बात की थी, तो उन्हें ₹10 लाख पर सीधा 1% यानी ₹10,000 का नुक़सान हुआ.

क्या सीख मिली?

SCSS अब भी सीनियर सिटिज़न्स के लिए सबसे बेहतर फ़िक्स्ड इनकम विकल्पों में से एक है - ख़ासकर तब, जब डिपॉज़िट रेट लगातार घट रही हों. लेकिन जैसा मीरा के साथ हुआ, अगर आप नियमों को ठीक से नहीं पढ़ते, तो नुक़सान झेलना पड़ सकता है.

इसलिए अगर आप SCSS में निवेश करने जा रहे हैं या वक़्त से पहले पैसे निकालने की सोच रहे हैं, तो इसके नियम ज़रूर समझ लें. क्योंकि चाहे स्कीम सरकार की हो और कितनी भी सुरक्षित लगे, मुफ़्त निकासी जैसी कोई चीज़ नहीं होती.

ये भी पढ़ें: क्या SCSS को 5 साल से आगे बढ़ाया जा सकता है? अगर हां, तो कितने समय के लिए?

ये लेख पहली बार जुलाई 29, 2025 को पब्लिश हुआ.

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