स्टॉक वायर

AGS Transact की तबाही पहले से तय थी

90% की गिरावट चौंकाने वाली ज़रूर है, लेकिन जो ध्यान दे रहा था, उसे पहले से दिख रहा था ये मंज़र

AGS Transact के शेयर में 90% की गिरावट: पहले से दिख रहे थे संकेतAI-generated image

AGS Transact Technologies —जो देश की दूसरी सबसे बड़ी ATM सर्विस और कैश मैनेजमेंट कंपनी है—अब एक ज़बरदस्त गिरावट का शिकार हो चुकी है. कंपनी का मार्केट वैल्यू जहां सितंबर 2024 में ₹1,300 करोड़ से ज़्यादा था, वहीं अब गिरकर सिर्फ़ ₹90 करोड़ रह गया है.

लेकिन ये गिरावट अचानक नहीं आई. जो लोग ग़ौर से देख रहे थे, उन्हें इसके लक्षण पहले से दिख रहे थे.

गिरावट की शुरुआत कहां से हुई?
इस कंपनी की मुसीबतें रातों-रात नहीं आईं. पिछले कुछ महीनों में इसके ऑपरेशनल और फ़ाइनेंशियल प्रदर्शन में लगातार गिरावट देखी गई. AGS की क़रीब 66% कमाई कैश पेमेंट सॉल्यूशन से आती है, ख़ासकर ATM मेन्टेनेन्स से. लेकिन यहीं से गड़बड़ शुरू हुई.

ATM में कैश रिफ़िलिंग में देरी हुई, जिससे सर्विस में रुकावटें आईं और ग्राहकों का भरोसा कम हुआ. इससे कंपनी की ट्रांज़ैक्शन फ़ीस और वॉल्यूम में गिरावट आई. ग्राहकों ने भुगतान रोक दिए क्योंकि AGS ने सर्विस लेवल एग्रीमेंट्स का पालन नहीं किया. इस सबका असर तब और गहरा हुआ जब फ़रवरी 2025 में CRISIL और Fitch ने कंपनी की क्रेडिट रेटिंग 'A (Stable)' से गिराकर 'D' कर दी. इसका मतलब था लगभग तय डिफॉल्ट.

इसके बाद CFO समेत कई सीनियर एग्जीक्यूटिव्स के इस्तीफे ने आग में घी डाल दिया और इससे आंतरिक उथल-पुथल का संकेत मिला. विफलताओं का ये समूह - प्रबंधन का बाहर जाना, ऑपरेशन की कमियां और क्रेडिट डाउनग्रेड - निवेशकों के विश्वास के लिए मौत की घंटी थी और शेयर में इतनी गिरावट आई कि वो अभी तक उबर नहीं पाया है.

पहले से दिख रहे थे ख़तरे के लाल निशान
ये गिरावट जितनी नई दिख रही है, उतने ही पुराने इसके संकेत थे. अगर निवेशक इन ख़तरे के संकेतों पर ध्यान देते, तो शायद नुक़सान से बच सकते थे.

ख़तरे का निशान 1: IPO पूरी तरह OFS था
फ़रवरी 2022 में जब AGS Transact का IPO आया, तो ₹680 करोड़ की ये पूरी राशि ऑफ़र फ़ॉर सेल (OFS) थी. इसका मतलब, कंपनी को एक भी रुपया नहीं मिला. जबकि कंपनी पर पहले से भारी क़र्ज़ था और उसका बिज़नस कैपिटल-इंटेंसिव था. प्रमोटर्स को कंपनी के ग्रोथ या क़र्ज़ चुकाने से ज़्यादा अपनी हिस्सेदारी बेचने की जल्दी थी.

ख़तरे का निशान 2: कमज़ोर कैश फ़्लो और ज़्यादा बकाया
AGS एक एसेट के लिहाज़ से भारी बिज़नस मॉडल चलाता है जिसके लिए ATM, कैश वैन और वॉल्ट स्थापित करने और रखरखाव के लिए ज़्यादा एडवांस कैश की ज़रूरत होती है. हालांकि, मिलने वाला रेवेन्यू पांच से आठ साल तक चलने वाले लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट पर आधारित है. पिछले चार साल में से हरेक के लिए इसके अकाउंट की मिलने वाली रक़म लगातार रेवेन्यू के 50 प्रतिशत से ज़्यादा रही है, जो कलेक्शन की मुश्किलों और वर्किंग कैपिटल के तनाव को दिखाती है. कैश के आउट-फ़्लो और इन-फ़्लो का मेल न होा एक फ़ाइनेंशियल तंगी है जिस पर AGS साल से चल रहा है, जिसके कारण इसका महत्वपूर्ण क़र्ज़ का बोझ बढ़ गया है.

इसके ब्याज का कवरेज रेशियो चिंताजनक रूप से बिगड़ गया है, जिससे बोझ और बढ़ गया है. FY 24 में, रेशियो घटकर सिर्फ़ 0.15 रह गया - ये दिखाता है कि ऑरेटिंग प्रॉफ़िट मुश्किल से ब्याज के ख़र्च को कवर कर पाया (एक आरामदायक रेशियो 2 से ऊपर होना चाहिए)। FY 25 की पहली छमाही में भी, जबकि कंपनी ने मुनाफ़ा कमाया, इन आमदनी की क्वालिटी सबसे अच्छी स्थिति में भी शक के दायरे में थी. मिली हुई रक़म में उछाल और देनदारी की रक़म में कमी के कारण ऑपरेटिंग कैश फ़्लो में गिरावट आई. असल में, लॉन्ग-टर्म क़र्ज़ के दायित्वों को पूरा करने के लिए, कंपनी ने शॉार्ट-टर्म क़र्ज़ के उधार के ज़रिए ₹102 करोड़ जुटाए - जो हाई रिस्क वाली फ़ाइनेंशियल रणनीति की एक क्लासिक मिसाल है.

बढ़ता फ़ाइनेंशियल तनाव

FY24 FY23 FY22 FY21
रेवेन्यू (₹ करोड़) 1,471 1,671 1,772 1,759
कुल क़र्ज़ (₹ करोड़) 820 878 712 1,233
डेट टू इक्विटी (गुना) 1.9 1.7 1.5 2.3
इंटरस्ट कवरेज (गुना) 0.2 1.4 0.7 1.6
ROE (%) -16.8 7.5 -16.4 10.9

ख़तरे का निशान 3: प्रमोटर की हिस्सेदारी में गिरावट
जून 2024 से जनवरी 2025 के बीच प्रमोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी 66% से घटाकर 59% कर दी.

जब कंपनी पहले से आर्थिक दिक्कतों से जूझ रही हो, उस समय प्रमोटर्स की ऐसी बिकवाली ख़तरे की घंटी है. हालांकि इनसाइडर ट्रेडिंग आम बात है, लेकिन स्पष्ट तनाव के दौर में प्रमोटरों की हिस्सेदारी में इतनी बड़ी और निरंतर कमी से गंभीर सवाल उठने चाहिए थे.

आपके लिए सबक़ क्या है?
आज AGS Transact की मार्केट वैल्यू ₹90 करोड़ है, जबकि इसका सालाना रेवेन्यू ₹1,400 करोड़ से ज़्यादा है. लेकिन सस्ते वैल्यूएशन का मतलब ये नहीं कि स्टॉक अच्छा है. जब तक कंपनी की लीडरशिप में बदलाव नहीं आता और फाइनेंशियल स्थिरता की दिशा तय नहीं होती, तब तक ये स्टॉक एक जुआ है. इस समय दूर रहना ही समझदारी है.

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