Adobe Stock
शेयर बाज़ार में आम तौर पर लार्ज कैप स्टॉक्स को ज़्यादा भरोसेमंद माना जाता है, जो भले ही कम रिटर्न दें लेकिन इनमें स्थायित्व ज़्यादा रहता है. यानि इनमें बड़ी गिरावट का रिस्क कम होता है. म्यूचुअल फ़ंड की लार्ज कैप कैटेगरी के लिए भी यही बात कही जा सकती है. इसीलिए, शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव भरे दौर में लार्ज कैप
म्यूचुअल फ़ंड
का रिटर्न दूसरी कैटेगरीज की तुलना में प्रदर्शन बेहतर रहता है.
हम यहां बीते 5 साल में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले 5
लार्ज कैप फ़ंड
के बारे में बता रहे हैं. दिलचस्प बात ये है कि इन फ़ंड का रिटर्न इस दौरान सालाना 27 फ़ीसदी से ज़्यादा रहा है.
लार्ज कैप फ़ंड क्या होते हैं? (What does a large-cap fund mean?)
लार्ज कैप म्यूचुअल फ़ंड वे
इक्विटी फ़ंड
होते हैं जो मुख्य रूप से मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से शीर्ष 100 कंपनियों में निवेश करते हैं. SEBI के नियमों के अनुसार, इन फ़ंड्स को अपनी एसेट्स का कम से कम 80% लार्ज-कैप कंपनियों के शेयरों में निवेश करना होता है.
ये कंपनियां आमतौर पर स्थापित और वित्तीय रूप से मज़बूत होती हैं, जिनमें टिकाऊ ग्रोथ की क्षमता होती है. ये उन निवेशकों के लिए सही हैं जो इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं लेकिन मध्यम जोखिम लेने की क्षमता रखते हैं.
5 साल के टॉप 5 लार्ज कैप फ़ंड
टॉप 5 लार्ज कैप फ़ंड की लिस्ट पर ग़ौर करें तो निप्पॉन इंडिया लार्ज कैप को छोड़कर बाक़ी 4 ETF या पैसिव फ़ंड हैं. यानि, इनका प्रदर्शन मोटे तौर पर संबंधित इंडेक्स जैसा ही रहता है. इसीलिए इनमें रिस्क के साथ-साथ
एक्सपेंस रेशियो
भी कम होता है.
फ़ंड | 5 साल का रिटर्न (% सालाना) |
---|---|
BHARAT 22 ETF* | 33.38 |
ICICI Pru Bharat 22 FOF | 33.16 |
Nippon India Large Cap | 27.53 |
SBI BSE Sensex Next 50 ETF* | 27.30 |
UTI BSE Sensex Next 50 ETF* | 27.25 |
*इन फ़ंड्स का डेटा रेग्युलर प्लान का है. सोर्सः वैल्यू रिसर्च. डेटा 16 अप्रैल 2025 का है. |
ये भी पढ़ेंः SIP Calculator: हर महीने की कॉफ़ी या SIP? छोटी आदत, बड़ा असर!
लार्ज कैप फ़ंड चुनते समय इन 5 बातों का रखें ध्यान
लार्ज कैप फ़ंड्स में निवेश करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है ताकि आपका निवेश सुरक्षित रहे और अच्छा रिटर्न भी मिले. यहां पांच मुख्य बातें दी गई हैं जो आपको फ़ंड चुनते समय ध्यान में रखनी चाहिए:
1. फ़ंड की प्रदर्शन इतिहास (Past Performance): ये देखना ज़रूरी है कि पिछले 5-10 वर्षों में फ़ंड ने मार्केट की तुलना में कैसा प्रदर्शन किया है. इससे आपको फ़ंड की स्थिरता और क्षमता का अंदाज़ा मिलेगा।
2. फ़ंड मैनेजर का अनुभव: एक अनुभवी और कुशल फ़ंड मैनेजर ही मार्केट के उतार-चढ़ाव में भी बेहतर निर्णय ले सकता है। इसलिए, फ़ंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड ज़रूर देखें.
3. एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio): ये दर्शाता है कि फ़ंड को मैनेज करने के लिए आप कितनी फ़ीस दे रहे हैं. कम एक्सपेंस रेशियो वाले फ़ंड्स ज़्यादा रिटर्न देने में मदद कर सकते हैं.
4. रिस्क प्रोफ़ाइल और पोर्टफ़ोलियो डाइवर्सिफ़िकेशन: ये जानना ज़रूरी है कि फ़ंड किन कंपनियों में निवेश करता है और कितना डाइवर्सिफ़ाइड है. डाइवर्सिफ़ाइड पोर्टफ़ोलियो जोखिम को कम करता है.
5. रेटिंग और रिसर्च रिपोर्ट्स: क्रिसिल (CRISIL), वैल्यू रिसर्च जैसी एजेंसियों की रेटिंग्स और रिपोर्ट्स पढ़ने से फ़ंड की क्वालिटी को समझने में मदद मिलती है.
कैसे चुनें Best Mutual Funds
अच्छे रिटर्न के लिहाज़ से म्यूचुअल फ़ंड एक बेहतर विकल्प है. हक़ीक़त में, हर कोई अपने लिए
बेस्ट म्यूचुअल फ़ंड
ही चुनना चाहता है. इस मामले में वैल्यू रिसर्च आपकी मुश्किल आसान कर सकता है. इसमें निवेश के लिए सबसे अच्छे लगने वाले फ़ंड को फ़ाइव स्टार रेटिंग दी जाती है. इस तरह से हम 1 स्टार से 5 स्टार तक की रेटिंग देते हैं. और, जिन फ़ंड्स को निवेश के लायक़ नहीं मानते है, उन्हें कोई रेटिंग नहीं दी जाती. हमारे इस फ़ीचर को इस्तेमाल करिए और निवेश के ज़रिए खुद को आर्थिक तौर पर सफ़ल बनाएं.
अगर, आप आंखें मूंदकर दमदार रिटर्न देने वाला कोई फ़ंड चुनना चाहते हैं तो आप हमारी म्यूचुअल फ़ंड एडवाइज़र सर्विस भी ले सकते हैं. इस सर्विस में पोर्टफ़ोलियो प्लानर , एनेलिस्ट की पसंद और अलर्ट जैसी बेहतरीन सर्विस शामिल हैं. इसके अलावा, यहां पर आपको फ़ंड्स के बारे में 'धनक की राय' भी नज़र आएगी.
ये भी पढ़ेंः 5 साल में सबसे ज़्यादा रिटर्न देने वाले 5 म्यूचुअल फ़ंड