Trending

गोल्ड रेट आज 9 मई 2025: भारत-पाक टेंशन का गोल्ड पर हुआ कितना असर?

उधर, डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अमेरिका-ब्रिटेन के बीच प्रमुख ट्रेड डील के संकेत दिए जाने से गोल्ड की क़ीमतों में गिरावट आई देखने को मिल रही है

गोल्ड रेट आज 9 मई 2025: भारत-पाक जंग का गोल्ड पर कितना असरAdobe Stock

भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन बढ़ने के साथ, शुक्रवार, 9 मई 2025 गोल्ड की कीमतों पर खासा दबाव देखने को मिल रहा है. ट्रेडिंग सेशन की शुरुआत में ही MCX पर गोल्ड ख़ासा कमज़ोर होकर खुला, लेकिन कुछ ही देर में इसमें रिकवरी देखने को मिली. असल में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग जैसे हालात के बीच शेयर बाज़ार भी भारी गिरावट के साथ खुले हैं. निवेशक हर तरह की एसेट्स को लेकर सतर्कता का रुख अपना रहे हैं.

MCX पर शुरुआती कारोबार में गोल्ड लगभग ₹350 कमज़ोर होकर ₹95,834 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया. हालांकि, बाद में इसमें रिकवरी देखने को मिली और फिलहाल (9.40 बजे) गोल्ड ₹96,150 प्रति 10 ग्राम के साथ लगभग फ्लैट बना हुआ है.

उधर, सिल्वर की क़ीमतों पर दबाव बना हुआ है. MCX पर सिल्वर ₹492 की गिरावट के साथ ₹96020 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बनी हुई है.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी नरमी

उधर, डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अमेरिका-ब्रिटेन के बीच प्रमुख ट्रेड डील के संकेत दिए जाने से गोल्ड की क़ीमतों में गिरावट आई देखने को मिल रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ब्रिटेन के साथ संभावित ट्रेड डील की घोषणा के बाद बाज़ार में घबराहट कम हुई और गुरुवार को सोने की क़ीमतों में गिरावट देखने को मिली.

फ़िलहाल (सुबह 9.20 बजे) अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में गोल्ड की क़ीमत 5 डॉलर कमज़ोर होकर 3,311 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर बनी हुई हैं.

सोने की क़ीमतों पर असर डालने वाले 5 प्रमुख फ़ैक्टर्स

1. भारत-पाक टेंशन का असर
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ा, लेकिन सोने की कीमतें अप्रत्याशित रूप से गिरीं. माना जा रहा है कि निवेशकों ने मुनाफावसूली की, जिससे कीमतें घटीं हैं.

2. अमेरिकी डॉलर की मजबूती
अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें दबाव में हैं. चूंकि सोना USD में कारोबार करता है, डॉलर की मजबूती से इसकी कीमत घटती है.

3. वैश्विक ट्रेड टेंशन में कमी
ग्लोबल मार्केट की बात करें तो हाल के ट्रेड टेंशन में कमी ने निवेशकों का भरोसा शेयर बाज़ारों की ओर बढ़ाया है, जिससे सोने की मांग घटी है.

4. कमजोर घरेलू मांग
अक्षय तृतीया के बाद भारत में शादी-विवाह का सीजन धीमा होने से सोने की खुदरा मांग में कमी आई है.

5. ब्याज दरों का प्रभाव
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में स्थिरता ने निवेशकों को सोने के बजाय ब्याज देने वाली संपत्तियों की ओर आकर्षित किया है.

डिस्क्लेमर: यहां केवल सामान्य जानकारी दी गई है और इसे निवेश सलाह नहीं माना जाना चाहिए. किसी भी निवेश निर्णय से पहले प्रमाणित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें. यह समाचार विभिन्न वित्तीय स्रोतों और बाज़ार डेटा पर आधारित है.

वैल्यू रिसर्च से पूछें aks value research information

कोई सवाल छोटा नहीं होता. पर्सनल फ़ाइनांस, म्यूचुअल फ़ंड्स, या फिर स्टॉक्स पर बेझिझक अपने सवाल पूछिए, और हम आसान भाषा में आपको जवाब देंगे.


टॉप पिक

डिफ़ेंस स्टॉक में उछाल क्यों? क्या इसमें दम भी है?

पढ़ने का समय 4 मिनटAbhinav Goel

₹5 करोड़ तक पहुंचने में कितना समय लगेगा?

पढ़ने का समय 4 मिनटआकार रस्तोगी

Nasdaq ETF अब महंगे नहीं हैं. क्या ये निवेश का सही समय है?

पढ़ने का समय 5 मिनटAbhishek Rana

गोल्ड में निवेश का बेस्ट तरीक़ा है SGB. जानिए कहां और कैसे ख़रीदें?

पढ़ने का समय 4 मिनटआकार रस्तोगी

क्या आपको इनकम प्लस आर्बिट्राज़ फ़ंड में निवेश करना चाहिए?

पढ़ने का समय 4 मिनटआकार रस्तोगी

वैल्यू रिसर्च हिंदी पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

सोना: क्या आपके पोर्टफ़ोलियो में सोने को जगह मिलनी चाहिए?

जब दुनिया का आर्थिक ढांचा बदल रहा हो, तो सोने को फिर से देखना ज़रूरी हो सकता है--फिर चाहे आप अब तक इसके आलोचक ही क्यों न रहे हों.

दूसरी कैटेगरी