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म्यूचुअल फ़ंड्स लगातार चार तिमाहियों से इन तीन स्टॉक्स को बेच रहे हैं, जबकि रिटेल निवेशक इनमें और ज़्यादा ख़रीदारी कर रहे हैं. आंकड़े एक हैरान करने वाली कहानी बयां करते हैं.
रिटेल निवेशक अक्सर इंस्टीट्यूशनल निवेशकों के नक्शेकदम पर चलते दिखते हैं. लेकिन कभी-कभी वे खेल को पूरी तरह पलट भी देते हैं.
जब म्यूचुअल फ़ंड चुपके से अपनी हिस्सेदारी कम करते हैं, तब रिटेल निवेशक मौक़े की तलाश में तेज़ी से कूद पड़ते हैं-उन्हें लगता है कि ये सस्ते सौदे हैं, न कि खतरे की घंटी. ये एक दिलचस्प अंतर है जो भरोसे और नज़रिए दोनों को दर्शाता है.
हमने ऐसे स्टॉक्स खोजने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण किया, जहां म्यूचुअल फ़ंड्स ने पिछले चार तिमाहियों में लगातार अपनी हिस्सेदारी घटाई और रिटेल निवेशकों ने लगातार उतनी ही अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई.
फिर, हमने उन तीन कंपनियों को चुना जिनमें मार्च 2024 से मार्च 2025 के बीच म्यूचुअल फ़ंड्स ने सबसे ज़्यादा हिस्सेदारी कम की (नीचे दी गई टेबल को देखें).
आइए, इन पर एक नज़र डालते हैं.
तत्व चिंतन वडोदरा में स्थित एक स्पेशियल्टी केमिकल बनाने वाली कंपनी है, जो स्ट्रक्चर-डायरेक्टिंग एजेंट्स (31% राजस्व), फेज-ट्रांसफर कैटेलिस्ट्स (33%) और फार्मा/एग्रोकेमिकल इंटरमीडिएट्स (34%) और इलेक्ट्रोलाइट साल्ट्स आदि 214 से ज्यादा विशिष्ट उत्पाद बनाती है. इसका पोर्टफ़ोलियो ऑटोमोटिव, फार्मा, एग्रोकेमिकल्स, कोटिंग्स, पेंट्स और बैटरी स्टोरेज जैसे क्षेत्रों को सेवा देता है. फ़ाइनेंशियल ईयर 25 में इसके रेवेन्यू में निर्यात की हिस्सेदारी 62% रही.
मुख्य आंकड़े एक नजर में:
- पिछले तीन सालों (फ़ाइनेंशियल ईयर 22-25) में रेवेन्यू 4% प्रति वर्ष की दर से गिरा.
- ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट (अदर इनकम को छोड़कर) इस अवधि में प्रति वर्ष लगभग 60% गिरा.
- फ़ाइनेंशियल ईयर 21 में 43% की तुलना में फ़ाइनेंशियल ईयर 25 में ROE घटकर 1% रह गया. इसकी वजह प्रॉफ़िट कम होना और IPO के बाद इक्विटी बढ़ना रही.
- पिछले तीन सालों में ऑपरेशन से कैश फ़्लो 6.8% प्रति वर्ष की दर से बढ़ा.
वोल्टैम्प एनर्जी-इफ़िशिएंट ट्रांसफॉर्मर डिज़ाइन और निर्माण करती है, जिनके भारत और विदेश में 70,000 से ज्यादा इंस्टालेशन हो चुके हैं. ये पावर, स्टील, डेटा सेंटर्स और ग्रीन एनर्जी जैसे विभिन्न इंडस्ट्रियल बेस को सेवा देती है. इसके पुराने क्लाइंट्स में PSU और L&T, सीमेंस, और GE जैसी EPC दिग्गज कंपनियां शामिल हैं.
मुख्य आंकड़े एक नज़र में:
- पिछले तीन सालों में रेवेन्यू सालाना 20% की दर से बढ़ा.
- ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट (अदर इनकम को छोड़कर) इस अवधि में 39% प्रति वर्ष की दर से बढ़ा.
- तीन साल का मीडियन ROE लगभग 30% रहा.
- पिछले तीन सालों में ऑपरेशन से कैश फ़्लो 49% प्रति वर्ष की दर से बढ़ा.
हैदराबाद में स्थापित और 1930 में शुरू हुई VST इंडस्ट्रीज़ भारत की तीसरी सबसे बड़ी सिगरेट बनाने वाली कंपनी है. ये चार्म्स, चारमिनार, मोमेंट्स और गोल्ड जैसे लोकप्रिय ब्रांड्स बेचती है और इसका ज़्यादातर रेवेन्यू तंबाकू की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बिक्री से आता है. फ़ाइनेंशियल ईयर 25 में कंपनी के रेवेन्यू का 22.37% निर्यात से आया.
मुख्य आंकड़े एक नज़र में:
- पिछले तीन सालों में रेवेन्यू 6% प्रति वर्ष की दर से बढ़ा.
- ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट (अदर इनकम को छोड़कर) इस अवधि में 15% प्रति वर्ष की दर से गिरा है.
- तीन साल का मीडियन ROE 32% रहा.
- पिछले तीन सालों में ऑपरेशन से कैश फ़्लो 11.3% प्रति वर्ष की दर से गिरा है.
म्यूचुअल फ़ंड के एग्ज़िट के बावजूद रिटेल निवेशक लगा रहे दांव
कंपनी | MF की स्टेक (%) | रिटेल निवेशकों की स्टेक (%) | ||||
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मार्च 2024 | मार्च 2025 | YoY | मार्च 2024 | मार्च 2025 | YoY | |
तत्व चिंतन फार्मा केम | 12.8 | 5.3 | -7.5 | 10.5 | 16.9 | 6.4 |
वोल्टैम्प ट्रांसफार्मर | 26.3 | 21.3 | -5 | 8.5 | 12.5 | 4 |
VST इंडस्ट्रीज़ | 14.1 | 5.6 | -8.5 | 15.9 | 26.5 | 10.5 |
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