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निफ़्टी नेक्स्ट 50 ने निफ़्टी 50 को ज़्यादातर हराया: क्या अब पाला बदलने का वक़्त है?

आइए समझते हैं कि निफ़्टी 50 और निफ़्टी नेक्स्ट 50 हैं फिर तय करें कि कौन कहां निवेश करे

Nifty Next 50 ने Nifty 50 को 67% बार हराया: कहां करें निवेश?AI-generated image

जब लार्ज कैप निवेश की बात आती है, तो ज़्यादातर निवेशक सीधा निफ़्टी 50 इंडेक्स फ़ंड चुनते हैं. उदाहरण के लिए, ICICI प्रूडेंशियल का निफ़्टी 50 इंडेक्स फ़ंड ₹12,600 करोड़ से ज़्यादा की नेट एसेट्स के साथ आता है, जबकि उसका निफ़्टी नेक्स्ट 50 फ़ंड इससे आधा भी नहीं — क़रीब ₹6,700 करोड़. यही ट्रेंड लगभग सभी फ़ंड हाउस में देखने को मिलता है. निफ़्टी 50 को निवेशकों का भरपूर प्यार मिलता है, जबकि नेक्स्ट 50 को अक्सर सौतेला व्यवहार झेलना पड़ता है.

तो क्या इसका मतलब ये है कि निवेशक एक ज़रूरी मौक़ा मिस कर रहे हैं? चलिए, इसकी जांच करते हैं.

निफ़्टी 50 और निफ़्टी नेक्स्ट 50 क्या हैं?
निफ़्टी 50 उन 50 सबसे बड़ी भारतीय कंपनियों से बना है, जो मार्केट वैल्यू के हिसाब से टॉप पर हैं. जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज़ , ICICI बैंक और HDFC बैंक . ये कंपनियां अपने-अपने सेक्टर की दिग्गज हैं और लंबा ट्रैक रिकॉर्ड रखती हैं.

दूसरी ओर, निफ़्टी नेक्स्ट 50 उन अगली 50 कंपनियों से मिलकर बना है जो मार्केट वैल्यू में 51 से 100वें स्थान पर हैं. इसमें HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स) , इंडिगो (इंटरग्लोब एविएशन) , और टाटा पावर जैसी कंपनियां शामिल हैं.

हालांकि दोनों इंडेक्स लार्ज कैप कैटेगरी में आते हैं, लेकिन इनकी सेक्टोरल कंपोज़िशन अलग है. निफ़्टी 50 में फ़ाइनेंशियल और IT सेक्टर का झुकाव ज़्यादा है, जबकि निफ़्टी नेक्स्ट 50 ज़्यादा डायवर्सिफ़ाइड है — इसमें इंडस्ट्रियल्स, हेल्थकेयर और कंज़्यूमर सेक्टर का वज़न ज़्यादा है.

28 मार्च, 2025 के डेटा के मुताबिक, निफ़्टी नेक्स्ट 50 के टॉप 10 स्टॉक्स और टॉप 3 सेक्टर का कुल वज़न 32.7% और 41.1% है. वहीं निफ़्टी 50 के लिए यह आंकड़ा 56.7% और 59.1% है.

निफ़्टी 50 और निफ़्टी नेक्स्ट 50 के सबसे वज़नी सेक्टर

निफ़्टी नेक्स्ट 50 आकंड़े निफ़्टी 50 आकंड़े
फ़ाइनेंशियल सर्विसेज़ 20.57% फ़ाइनेंशियल सर्विसेज़ 37.30%
FMCG 11.67% IT 11.91%
कैपिटल गुड्स 8.89% तेल, गैस और इस्तेमाल में आने वाला तेल 9.87%
कंज़्यूमर सर्विसेज 8.79% ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स 6.93%
पावर 8.73% FMCG 6.84%
(सिर्फ़ टॉप 5 सेक्टर को शामिल किया गया है)

निफ़्टी 50 बनाम निफ़्टी नेक्स्ट 50 परफ़ॉर्मेंस

अब देखते हैं इन दोनों की लॉन्ग टर्म रिटर्न्स.

हमने पिछले 15 सालों में डेली बेसिस पर 5 साल की रिटर्न्स का विश्लेषण किया. नतीजा ये निकला कि निफ़्टी नेक्स्ट 50 TRI ने 66.9% मौक़ों पर निफ़्टी 50 TRI से बेहतर प्रदर्शन किया.

कितनी बार और कितना बेहतर किया निफ़्टी नेक्स्ट 50 ने

आउटपरफ़ॉर्मेंस मार्जिन मौक़ों का प्रतिशत
0-3% 29.50%
3-6% 20.30%
6-10% 16.70%
10% से ज़्यादा 0.30%
कुल आउटपरफ़ॉर्मेंस 66.90%
(आंकड़ा बताता है कि निफ़्टी नेक्स्ट 50 ने निफ़्टी 50 की तुलना में कितने प्रतिशत अंकों से बेहतर रिटर्न दिया)

क्या निफ़्टी नेक्स्ट 50 बेहतर है?
आंकड़ों के हिसाब से तो नेक्स्ट 50 बाज़ी मारता दिखता है. जब कोई निवेश विकल्प 40% मौक़ों पर 3 से 10 प्रतिशत अंक ज़्यादा रिटर्न दे, तो उसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता.

लेकिन इसमें एक ट्विस्ट है — निफ़्टी नेक्स्ट 50 ज़्यादा उतार-चढ़ाव वाला भी रहा है.

इसका स्टैंडर्ड डिविएशन 20.4% है, जबकि निफ़्टी 50 का सिर्फ़ 13.4%. (स्टैंडर्ड डिविएशन बताता है कि रिटर्न्स औसत से कितने ऊपर-नीचे जाते हैं. जितना ज़्यादा, उतना ज़्यादा उतार-चढ़ाव)

इसका असर दोनों तरह से पड़ता है. जैसे 2017 और 2021 जैसे अच्छे सालों में, निफ़्टी नेक्स्ट 50 ने क्रमशः 47.7% और 30.9% का रिटर्न दिया — निफ़्टी 50 से कहीं बेहतर (जो 30.3% और 25.6% था). लेकिन जब बाज़ार गिरता है, तो नेक्स्ट 50 और तेज़ी से गिरता है — जैसे सितंबर 2024 से अप्रैल 2025 तक की करेक्शन में ये 14.5% गिरा, जबकि निफ़्टी 50 सिर्फ़ 6.6% गिरा.

सीख क्या है? निफ़्टी 50 एक स्थिर सफ़र देता है. वहीं निफ़्टी नेक्स्ट 50 तेज़ी से चलता है — लेकिन झटकों के साथ.

आप किसे चुनें?
निफ़्टी 50 की स्थिरता उसे उन निवेशकों के लिए उपयुक्त बनाती है जो कम उतार-चढ़ाव पसंद करते हैं.

वहीं निफ़्टी नेक्स्ट 50 में वो कंपनियां होती हैं जो तेज़ी से ग्रोथ कर रही होती हैं — रिटर्न भी बेहतर हो सकते हैं, लेकिन ज़्यादा उतार-चढ़ाव के साथ.

हम इन्हें प्रतियोगी मानने के बजाय पूरक मानें तो बेहतर होगा. अगर आप एक बैलेंस्ड लार्ज कैप पोर्टफ़ोलियो चाहते हैं, तो निफ़्टी 100 फ़ंड्स एक बढ़िया विकल्प हैं जो दोनों का मेल देते हैं — स्थिरता और ग्रोथ दोनों.

अंततः, सही विकल्प आपकी निवेश प्राथमिकताओं, समय सीमा और बाज़ार के उतार-चढ़ाव को लेकर आपकी सहनशक्ति पर निर्भर करता है.

ये भी पढ़ें: बदलती उम्मीदें, बदलते निवेश: क्या आपका पोर्टफ़ोलियो इस भारत से मेल खा रहा है?

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